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गोदं
सत्र ११ अंतरायं चेदि
सत्र १२ णाणावरणीयस्स कम्मरस पंचपयडीमो सूत्र १३
(०५-६ जीवस्थान चूलिका) मणुसा मणुस पत्ता मिच्छाही संखेन्जवासा इसा । मणुसा मणुसहि कालगद समाणादि गदीमो गच्छति ?
(सूत्र १४१ चूलिका) पचारि गोमो गच्छेति णिरयगई तिरिक्खनई मणुसगई. देवगई चेदि ।
(सत्र १५२ पृष्ठ २३४ चूलिय) गिरसेप्स मच्छता सब हिरयेसु गच्छति। १४३ सूत्र विरक्खेसु गच्छत्ता सब तिरिक्खेसु गच्छति। १४४ सूत्र मणुसेसु गच्छचा सन्ध मणुस्सेसु गच्छति। १४५ सत्र
देवेसु गच्छंता भवणवासिप्पड जाव णवगेवजबिमाणबासिय देवेसु गच्छति।
(१४६ सूत्र पृष्ठ २३५ विध) इन समस्त सूत्रों को धवला टोका में और भी स्पष्ट किया गया है। इन सब उसरणों का उल्लेख करने से बहुत बढ़ जायगा। संक्षेप से मिग २ अनुयोग द्वारों के सूत्र वहां दिये गये हैं। इन सत्रों से द्रव्यदेव एवं द्रम्ब शरीर का सहविरोचन पाय पास है। भाववेदी विद्वान सभी अनुयोग घरों को मारनेर निस्तकही पाते हैं। बारपर्व है।