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इद्विपडि जाव असंजद सम्माइटिति केवडि खेत्ते लोगस्स असंखज्जाद भागे।
(सूत्र ५ पृष्ठ २८ क्षेत्रानुगम) इदियाणुवादेण एदिया बादरा सुहमा पज्जत्ता अपज्जत्ता केहि खेत्ते, सबनोगे।
__ (सूत्र १ पृ० ५१ क्षेत्रप्रमाणानुगम) कायाणुवादेण पुढविकाया पाउकाथिया, ते उकाइया, बाउकायया बादरपुढविकाइया आदि (यह सूत्र बहुत लम्बा है)
(सूत्र २२ पृष्ठ ४४ क्षेत्रानुगम) भत्रणवासिय वाण चतर जादिसिगदेवेसु मिच्चाइट्टि सासणसम्मादिट्ठीहि केवडियं खेत्तंगोसिदं । लोगस्स असंखेदिभागो।
(सूत्र ४६ पृष्ठ ११४ र्शनानुगम) बीइंदिय तीइंदिय परिदिय तम्सेव पज्जत्त प्रपत्तएहि कंवडियखतं फोसिंद नोगस असंखेदिभागो।
(सूत्र ५८ पृष्ठ १२१ स्पशानुगम द्वार) मणुस्म अपजना केवचिरं कालादो होति पाणजी पडुब जहरणेण खुद्दाश्वग्गहणं।
(सूत्र ८३ पृष्ठ ११० कामानुगम वार) सम्वसिद्धि विमाएवासियदेवेसु भसंजदसम्माट्ठी केवचिरं कालादोहोति पाणाजीव पडुन सम्बदा ।
(सूत्र १०५ पृष्ठ१४ कालानुगम द्वारा)