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१४२६४३३७५६३५४३६५०३३६ यह २६ अङ्क प्रमाण पर्याप्त मनुष्यों की संख्या बताई है। और यही राशि गोम्मटसार को एक १५४ गाथा में बताई गई है। दोनों का पाठक मिलान कर लेवें । यह संख्या द्रव्य मनुष्यों की है। ___ इस प्रकार गोम्मटसार और पटखण्डागम दोनों ही द्रव्य मनुष्यों की संख्या बताते हैं। द्रव्यस्त्रियों की संख्या भी इसीप्रकार दोनों में समान बताई गई है उसे भी देखिये
पजत्तमणुस्साणं तिचउत्तो माणुसीण परिमाणं । सामण्णा पुण्णूण। मणुव अपजत्तगा होति ॥
अर्थ-पर्याप्त मनुष्यों का जितना प्रमाण है उसमें तीन चौपाई (३) द्रव्यत्रियों का प्रमाण है। इस गाथा में जो मानुषी पद है वह द्रव्यली काही वाचक है। इस गाथा की टीका में स्पष्ट निखा हुमा यथा
पर्याप्तमनुष्यराशेः त्रिचतुर्थभागो मानुषीणां द्रव्यस्त्रीणां परिमाणं भवति।
गो०जी० टीका पृष्ठ ३८४ इस टीका में मानुषीणा पद बागे द्रव्यस्त्रीणां पद संस्कृत टीकाकार ने स्पष्ट दिया है। उसका हिन्दी अर्थ पण्डित प्रवर टोडरमल जी ने इस प्रकार किया है
पर्याप्त मनुष्यनि का प्रमाण कसा वात्र च्यारि भाग कीजिये बामें वोन भाग प्रमाण मनुष्यणी द्रव्यत्री जाननी।
(गो०जी० टीका पृष्ठ ३८४)