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उद्धरण देना पर्याप्त है।
मगुरूस रज्जत्तेसु मिरुलाइट्ठि दब्वपमाणेण केवडिया, कोडाकोडाकोडी उबरि कोडाकोडाकोडी हेहदोरणं वग्गाण सतरं बग्गाणं हेो ।
(सूत्र ४५ पृष्ठ १२७) पटखण्डागम जीवस्थान द्रव्यप्रमाणानुगम
इस सूत्र द्वारा पर्याप्त मनुष्यों में से मिध्यादृष्टि मनुष्यों की सख्या द्रव्य प्रमाण से बताई गई है । इसी सूत्र की व्याख्या में धवलाकार ने पर्याप्त मनुष्यों की संख्या वही बताई है जो गो-म्मटसार जीवकांड में उनतीस अङ्क प्रमाण द्रव्य मनुष्यों की बनाई गई है। उसी में से ऊपर के गुणस्थान बालों की संख्या घटाकर मिध्यादृष्टियों की संख्या बताई गई है। मनुष्य पर्याप्त और संख्या का उल्लेख सूत्र में दिया गया है । गोम्मटसार जीवकांड की गाथा १५६ और १५७ द्वारा
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सेढो हुई अंगुल मादिम तदियपदभाजिदे गूणा । सामण्ण मणुसरासी पंचमक दिवसमा पुरणा ॥
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(इस गाथा में) पर्याप्त मनुष्यों की संख्या बताई गई है। यही प्रमाण धवलाकार ने ऊपर के सूत्र की व्याख्या में इस रूप से दिया है
बेरूत्रस्थ पंचमनग्गेण बट्टमवां गुणिदे मनुस्स पज्जत्तरासी होदि आदि । (पृष्ठ १२० भदक्षा) इसके अनुसार धवलाकार ने पृष्ठ १२६ में - ७६२२८१६२५