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________________ वंदना १. हत्थीसु एरावणमाहु णाते, सीहो मिगाणं सलिलाण गंगा। पक्खीसु या गरुलं वेणुदेवे, णिव्वाणवादीणिह णायपुत्तं ।' जैसे—हाथियों में ऐरावत, पशुओं मे सिंह, नदियों में गंगा, पक्षियों में वेणुदेव गरुड़ श्रेष्ठ हैं, वैसे ही निर्वाणवादियों में महावीर श्रेष्ठ हैं। २. जोहेसु णाए जह वीससेणे, पुप्फेसु वा जह अरविंदमाहु । ___ खत्तीण सेठे जह दंतवक्के, इसीण सेठे तह वद्धमाणे ॥ जैसे—योद्धाओं में वासुदेव, पुष्पों में अरविन्द, क्षत्रियों में दंतवाक्य श्रेष्ठ है, वैसे ही ऋषियों में महावीर श्रेष्ठ हैं। ३. थणितं व सद्दाण अणुत्तरं उ, चंदे व ताराण महाणुभावे। गंधेसु वा चंदणमाहु सेठें, एवं मुणीणं अपडिण्णमाहु ।' १. सूयगडो : १६६२१ वंदनाकार सुधर्मा (भगवान् के सहचारी) २. सूचगहो : १।६।२२। ३. सूयगडो : १।६१६।
SR No.010542
Book TitleShraman Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year
Total Pages389
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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