SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 53
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ त्यारपछी (१५७ मा सत्रमा ) आ सर्व प्ररूपणा अरि- नाम, नव बळदेव तथा नव वासुदेवना पितानां नाम, मातानां हंत भगवाने समवसरणमां कहेल होवाथी समवसरणनी रचना नाम, बळदेव तथा वासुदेवना गुणर्नु विस्तृत वर्णन, तेमनां • कही छे, पछी महावीरस्वामी कुलकरना वंशमा उत्पन्न थयेला नाम, तेमना पूर्वभवनां नाम, तेमना पूर्वभवना धर्माचार्योनां होवाथी आ अवसर्पिणीमां थयेला सात कुलकर तथा तेमनी नाम, वासुदेवोने नियाणा करवानी भूमिनां नाम, नियाणा पत्नीओनां नामो, चोवीशे तीर्थकरना पिताओनां नाम, माता- करवानां कारणो, नव प्रतिवासुदेवोनां नाम, नव वासुदेवनी ओनां नाम, चोवीश तीर्थंकरोनां नाम, तेमना पूर्व भवनां | गति, नव बळदेवनी गति विगेरेन वर्णन कयु छे. नाम, तेमनी दीक्षा लेवा जती वखते करेली शिबिकाओनां नाम, ____त्यारपछी ( १५९ मा सूत्रमा ) आ अवसर्पिणीमा आ तेमने प्रथम भिक्षा आपनारनां नाम, तेमने भिक्षा मळवानो जंबूद्वीपना ऐरवतक्षेत्रमा थयेला चोवीश तीर्थकरोनां नाम, समय, भिक्षाना पदार्थ, भिक्षादातारने घेर थयेल सुवर्णवृष्टि, तथा आवती उत्सर्पिणीमां भरतखंडमां अने अरवतक्षेत्रमा चोवीश तीर्थकरोना चोवीश चैत्यवृक्षोना नाम, तेमना पहेला थनारा कुलकरोना नाम, भरतक्षेत्रमा थवाना चोवीश तीर्थशिष्यनां नाम, पहेली शिष्यानां नाम, विगेरे कयुं छे. करोनां नाम, तेमना पूर्वभवनां नाम विगेरे, बार चक्रवर्ती- त्यारपछी ( १५८.मा सूत्रमां) आ अवसर्पिणीमां आ | ओनां नाम, नव वासुदेव तथा वळदेवनां नाम, तेमना धर्माजंबूद्वीपना भरतक्षेत्रमा थयेला बार चक्रवर्तीओनां पिताओनां | चार्यों, नियाणानी भूमि अने तेनां कारणो, नव प्रतिवासुदेनाम, माताओनां नाम, चक्रवर्ताओनां नाम, तेमना स्त्रीरत्ननां | वनां नाम विगेरे. तथा ऐरवतक्षेत्रमा थनारा चोवीश तीर्थ
SR No.010536
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJethalal Haribhai
PublisherJain Dharm Prasarak Sabha
Publication Year1939
Total Pages681
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_samvayang
File Size44 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy