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( ४०० ) श्री संभवनाथस्वामी चार सो धनुष "उंचा हता, सर्वे निषध अने नीलवंत पर्वतो चार सो चार सो योजन ऊंचा तथा चार सो चार सो गाउ पृथ्वीमां ऊंडा छे. सर्वे वक्षस्कार पर्वतो निषध अने नीलवंत पर्वतोनी पासे चार सो चार सो योजन ऊंचा अने चार सो चार सो गाउ पृथ्वीमां ऊंडा छे, आनत अने प्राणत कल्पने विषे चार सो विमानो छे, श्रीमहावीरस्वामीने चार सो वादीओ हता.
( ४५० ) श्री अजितनाथस्वामी साडा चार सो धनुष ऊंचा हता, सगर चक्रवर्ती पण साडाचार सो धनुष ऊंचा हता.
( ५०० ) सर्वे वक्षस्कार पर्वतो सीता अने सीतोदा महानदी पासे तथा गजदंताओ मेरुपर्वतनी पासे पांच सो पांच सो योजन ऊंचा अने पांच सो पांच सो गाउ अंडा छे, वक्षस्कारो पांच सो योजन एक सरखा पहोळा छे. सर्वे वर्षधर उपरना कूटो पांच सो पांच सो योजन ऊंचा अने मूळमां पांच
सो पांच सो योजन विष्कंभवाळा छे, श्रीऋषभदेवस्वामी पांच सो धनुष ऊंचा हता, भरतचक्री पण पांच सो धनुष ऊंचा हता, सौमनस, गंधमादन, विद्युत्प्रभ अने मालवंत नामना गजदंता पर्वतो मेरुपर्वतनी पासे पांच सो पांच सो योजन ऊंचा अने पांच सो पांच सो गाउ ऊंडा छे, सर्वे वक्षस्कार उपरना कूटो हरि अने हरिस्सह ए वे कूटने वर्जीने पांच सो पांच सो योजन ऊंचा अने मूळमां पांच सो पांच सो योजन लांबा पोळा छे, एक बळकूटने वर्जीने बाकीना नंदनवनना कूटो पांच सो पांच सो योजन ऊंचा अने मूळमां पांच सो पांच सो योजन लांबा पहोळा छे, सौधर्म अने ईशान कल्पमांना विमानो पांच सो पांच सो योजन ऊंचा छे.
( ६०० ) सनत्कुमार अने माहेंद्र कल्पना विमानो छ सो योजन ऊंचा छे, क्षुल्लहिमवंतना कूटनी उपरना छेडाथी क्षुल्लहिमवंत पर्वतना समभूमितळ सुधी छ सो योजननुं