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अंग॥
समवायाङ्ग सूत्र॥
स्थितिना सूत्रमा स्वयंभू विगेरे वीश विमानोनां नाम कह्यां छे ( ६ ) ॥ (सूत्र-६) हवे सातमुं स्थान कहे छे
मू-सत्त भयट्ठाणा पन्नत्ता, तं जहा-इहलोगभए परलोगभए आदाणभए अकम्हाभए आजीवभए मरणभए असिलोगभए १। सत्त समुग्घाया पन्नत्ता, तं जहा-वेयणासमुग्घाए कसायसमुग्घाए मारणंतियसमुग्घाए वेउव्वियसमुग्घाए तेयसमुग्घाए आहारसमुग्घाए केवलिसमुग्याए २ । समणे भगवं महावीरे सत्त रयणीओ उ8 उच्चत्तेणं होत्था ३। इहेव जंबुद्दीवे दीवे सत्त वासहरपव्वया पन्नत्ता, तं जहा-चुल्लहिमवंते महाहिमवंते निसढे नीलवंते रुप्पी सिहरी मंदरे ४। इहेव जंबुद्दीवे दीवे सत्त वासा पन्नत्ता, तं जहा-भरहे हेमवते हरिवासे महाविदेहे रम्मए एरण्णवए एरवए ५ । खीणमोहेणं भगवया मोहणिज्जवजाओ सत्त कम्मपयडीओ वेए(ज)ई ६। __ महानक्खत्ते सत्ततारे पन्नत्ते १। कत्तिआइआ सत्त नक्खत्ता पुत्वदारिआ पन्नत्ता (पाठांतरअभियाइया सत्त नक्खत्ता) २। महाइआ सत्त नक्खत्ता दाहिणदारिआ पन्नत्ता ३। अणुरा-- हाइआ सत्त नक्खत्ता अवरदारिआ पन्नत्ता ४। धणिट्ठाइआ सत्त नक्खत्ता उत्तरदारिआ पन्नत्ता ५॥
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