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भ० महावीर-स्मृति-ग्रंथ । परतु उसमे भी हिन्दु त्योहारोंका ऐतिहासिक विवेचन नहीं मिलता। 'ऋग्वेदी ने भारतीय स्यौहा. रोका निन्न प्रकार वर्गीकरण किया है :
(१) ऋतु अपेक्षित त्यौहार ; सवत्सर प्रतिपदा, अक्षयतृतीया, चार्तुमास, श्रावणी, नारली पौर्णिमा, विजयादशमी, दीपावली, धात्रीपूजन, मकरसक्रांति, यसतपचमी, पोली व शिमगा ।
(२) ऐतिहासिक त्यौहार : श्रीरामनवमी, परशुरामजयती, दशहरा, कृष्णजन्माष्टमी, व वामनद्वादशी।
(३) शैव त्यौहार : त्रिपुरी पौर्णिमा, महाशिवरात्रि ।
(४) वैष्णव त्यौहार : नृसिंहजयन्ती, महाएकादशी, अनत्रचर्तुदशी, वैकुठचर्तुदशी, व दोहोत्सव ।
(५) कौटुबिक त्यौहार : घटसावित्री, मगलागौरी, पिठोरी अमावस्या, हरितालिका, व ऋषिपंचमी
(६) शाक त्यौहार . गौरी उत्सव, ज्येष्ठा गोरी, ललिता पंचमी, सरस्वती, देवी नबरान, व चपाषष्ठी।
(७) सौर त्यौहार : रथससमी।
(८) गाणपत्य त्यौहार : गणेशचतुर्थी ! , इन त्यौहारों में श्रीऋग्वेदीने बौद्ध और जैन त्यौहारोंकी गणना नहीं की है। बौॉमें वैशाखीपूर्णिमाकी विशेष मान्यता है । जैनोके प्रमुख पर्व और त्यौहार निम्न प्रकार है :- )
' (१) श्रीमहावीर जयन्ती (चैत्र शु० त्रयोदशी), (२) अक्षयतृतीया, (३) ध्रुतपचमी-ज्येष्ठ शु० ५, (४) श्रावणी प्रतिपदा-वीरशासन जयती, (५) रक्षाबन्धन-श्रावणीपूर्णिमा, (६) पर्युषण-पर्व (भाद्रवमास), (७) क्षमावणी-अश्विन प्रतिपदा, () वीरनिर्वाण-दीपमालिका, (९) अष्टान्हिकापर्व (कार्तिक-फाल्गुण-आषाद), (१०) ऋषभनिर्वाण, (११) बसतपञ्चमी आदि. .
प्रस्तुत लेखमें दीपमालिका त्यौहारके विषयमें ऐतिहासिक शोधकी दृष्टिसे विचार करना अभीष्ट है। दीपमालिका त्यौहार जैनीमी मानते हैं और वैष्णवादि हिन्दूमी । इस त्यौहारमें जैनी और हिन्दू प्रायः एक समान रीति रूप बरतते हैं । अतः हमारे सम्मुख दो प्रश्न उपस्थित होते हैं। पहला प्रश्न तो यह कि जैन और हिन्दू दिवालीमेंसे कौन प्राचीन है । और दूसरा प्रश्न यह है कि क्या यह मानना ठीक है कि माचीन दिवालीका प्रभाव अर्वाचीन पर पड़ा है। इन प्रश्नोंका समाधान ऐतिहासिक साक्षी के आधारसेही किया जा सकता है। अतएव दिवाली. त्यौहारके उन्म और विकासका इतिहास इंदना आवश्यक है।