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________________ ६८ * श्री लँबेचू समाजका इतिहास बेटी द्रोपदी बाई १ रतन देवी २ श्रीलाल पारने ब्याहे झम्मनलाल परिया की बेटी । झम्मनलाल वसन्तलाल के भाई करहल ब्याहे । मिहीलाल सोनी के यहाँ द्वारका प्रसाद वरकेपुरा गाँव हुलासराय रपरिया की बेटी व्याही । द्वारकाप्रसाद की बेटी जैनाबाई संघई तालबारे चिरंजी लाल को ब्याही । द्वारका प्रसाद गोद गए टीकाराम रपरिया कचनाउर वाले के । रतना बेटी बाह गाँव ब्याही फुलजारी लाल तिहैय्या के पुत्र डालचंदको जो गोद गए सुन्दरलाल तिहैय्या के| द्रौपदी बेटी व्याही अटेर मिजाजी लाल पटवारी को । श्रीलाल के बेटा दो भये । जेठे मूलचंद और छोटे चंदकिशोर और सुरेन्द्रनाथके बेटा नेमीचंद भये और महेशचन्द की जेठी बेटी सावित्री लघु बेटी माया ये सब भिंड में हैं । गनीलाल के बेटे ३ गुलजारीलाल, गिरधारीलाल, सधारीलाल | गुलजारीलाल के ३ पुत्र भये । प्यारेलाल, पन्नालाल, चरनदास । प्यारेलाल स्वरूपुर ब्याहे । सन्तान नभई । पन्नालाल वरकेपुरा रपरियन के व्याहे । फफूंदवालों के तिनके बेटा मेवाराम | मेवाराम के बैटे २
SR No.010527
Book TitleLavechu Digambar Jain Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZammanlal Jain
PublisherSohanlal Jain Calcutta
Publication Year1952
Total Pages483
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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