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________________ * श्री लॅबेचू समाजका इतिहास * तिनके पुत्र नागरनन्द तिनके पुत्र जगमणिसाह तिनके पुत्र पूरणमल तिनके पुत्र साहिभानु तिनके मुकरणदेव तिनके पुत्र जगमेद प्रकाशराय वटेश्वर वरीपुर आये। तिनकी सन्तानके बटेश्वरवाले रपरिया कहाये। जगन्मेदके पुत्र जागमल भये तिनके पुत्र नन्दसाह व मथुरामल नन्दसाहके पुत्र उम्मेदराय तिनके पुत्र मानिकचन्द व बाहकराम तिनके पुत्र सोदास तिनके पुत्र कमलनयन तिनके पुत्र श्यामचन्द व युगलकिशोर तिनके पुत्र अर्जुन व रूपराम तिनके पुत्र नागरमल व केशोराम मकसूदन तिनके पुत्र रायकरण व अमानतराय व जुझारसाह व कामताप्रसाद तिनके रोशनदेव व अजायवदेव तिनके पुत्र सुरजनसाह तिनके पुत्र जयरामदास व शालिगराम व मुकुन्दमणि व अगरशाह तिनके पुत्र रोयचन्द तिनके पुत्र गुमानराय तिनके पुत्र मनोहरसाह व लीलाधर व भागीरथ भागीरथके तेजराय व राधाकृष्ण व रामसिंह व उम्मेदराय ये चार भये। तेज रायके कोई नहीं भया। राधाकृष्ण के अलोलमणि भये। अलोलमणिके मथुरा प्रसाद हुबलाल वृन्दावन माणिकचन्द ये चार । मथुरा
SR No.010527
Book TitleLavechu Digambar Jain Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZammanlal Jain
PublisherSohanlal Jain Calcutta
Publication Year1952
Total Pages483
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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