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________________ * श्री लँबेचू समाजका इतिहास * ४०६ पुत्र उदयराज, बिहारीलाल ।; उदैराजके बद्रीदास, मक्खन लाल । बद्रीदासके पदमचन्द । पदमचन्दके ४ पुत्र हैं नाम नहीं मालूम मौजूद हैं। बिहारीलालके सुखलाल, बाबुराम, जिनेश्वरदास, बच्चीलाल । सुखलालके महेन्द्रकुमार, राजेन्द्रकुमार । वञ्चीलालके दो पुत्र हैं, नाम नहीं मालूम । महेन्द्रकुमारके रणधीर सिंह। आशापतिके किशनचन्द, चन्दनी, प्रभापति, तुलाराम, ताराचन्द । चन्दनीके हुब्बलाल, जमुनाप्रसाद, ज्वालाप्रसाद । प्रभापतिके नैनसुख, हुलासराय । नैनसुख के दौलत । दौलतके लालमणि रामसहाय, गेंदालाल । हुलासरायके मथुराप्रसाद । मथुरा प्रसाद मथुराप्रसादके सगुनचन्द, गुलजारीलाल, दीनानाथ के तोताराम, चरनदास, मुरलाधर । चरनदासके रघुवर दयाल रघुवर दयालके निर्मल, शान्ति, धन्नू। मथुरा प्रसादके द्विपुत्र सगुनचन्द तीसरे गुलजारीलाल । सगुनचन्दके वंशीधर, अमरचन्द । गुलजारीलालके अयोध्या प्रसाद अमरचन्चके मिठठ्ठलाल, मिजाजीलाल, चोखेलाल, झम्मनलाल उग्रसेन । तुलारामके मानिकचन्द, मनसाराम ताराचन्दके मन्डेलाल, जंगीलाल, सुखलाल, पंचेलाल, कुंजीलाल, नन्दराम, भगवानदास, पन्नालाल धन्नूलाल, चैनसुख ।
SR No.010527
Book TitleLavechu Digambar Jain Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZammanlal Jain
PublisherSohanlal Jain Calcutta
Publication Year1952
Total Pages483
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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