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________________ २६ *श्री लबेचू समाजका इतिहास * ने अपना आसईखेड़ा इलाका बना किला बनाया होगा। ये सब छोटे २ राजा थे और १५ वीं शताब्दी १४४५ की साल में जशवंतसिंह ने जशवंतनगर बसाया राज्य किया और इन्हीं के वंश में १६७१ में भी कीर्तिसिंह भये होंगे और सहसमल से सहसों का राज्य स्थापित होगा ये सब लँमेंच जाति के ही पूर्व पुरुष हुये। इस प्रकार गजटियर और चोथी वंशावली का मिलान है। ___ पाठकों को इन वंशावली तथा शिलालेख, प्रतिमा लेख, तथा ताम्रपत्र यन्त्र लेख, और गजटियर वृत्तान्त पढ़कर लम्मकञ्चुक शब्द का अपभ्रंश लम्बेच शब्द है। और यह यदुवंशीय क्षत्रिय श्री नेमिनाथ जिन तीर्थकर कृष्ण बलभद्र लोम करणादि जैन क्षत्रिय वंशज लम्बेबू जाति का बोधक है। क्रमवद्ध शक संवतादि से स्पष्ट है, और चौथो बंशावली तथा इटावा गजटियर और इटावा के जाखन, कुदरकोट, वकेउर, चन्दवार आदि प्रदेशों के नाम से गोत्र अलल होने से ये चोहान क्षत्रिय हैं। और अणुन्बयरयणपईप और राय भाटों की कवितासे और भी विशेष स्पष्ट हो जायगा। अब हम शब्द व्युत्पत्ति से चोहान शन्दकी प्रवृत्ति दिखाते
SR No.010527
Book TitleLavechu Digambar Jain Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZammanlal Jain
PublisherSohanlal Jain Calcutta
Publication Year1952
Total Pages483
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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