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श्री जवाहर विद्यापीठ, भीनासर, बीकानेर (राजस्थान)
स्वर्ण जयन्ती समारोह के अवसर पर माननीय श्री रिखबचन्दजी जैन
को सादर समर्पित "समाज-रत्न'
सम्मान-पत्र विरल व्यक्तित्व!
गंगाशहर-बीकानेर के भव्य भूमि-पुत्र, प्रतिभा और पुरुषार्थ की प्रतिमूर्ति, विद्या और सम्पदा के सार्थक स्वरूप श्री रिखबचन्दजी जैन का व्यक्तित्व और कृतित्व सम्पन्नता के साथ उदारता, सम्पत्ति के साथ सुमति, विद्वत्ता के साथ ऋजुत के अपूर्व संगम का विरल उदाहरण है। अर्जन-कौशल और अर्पण-औदार्य से पुष्ट आपका जीवन और कर्म व्यक्ति के लिए प्रेरणा और समाज के लिए पोषण के स्रोत हैं।
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प्रवन्ध-शास्त्र के मर्मज्ञ!
जादवपुर विश्वविद्यालय में प्रबन्ध संकाय के आचार्य पद पर रहकर प्रबन्ध-शास्त्र मर्मज्ञ विद्वान, प्रभावी शिक्षक और अधिकारी लेखक के रूप में प्रतिष्ठित हुए हैं। आपकी मेधा और चिन्तनशीलता में विलक्षण शक्ति है।
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व्यवसाय कला के निष्णान्त!
प्रबन्ध के शास्त्रीय ज्ञान को व्यवसाय के व्यावहारिक धरातल पर यथार्थ कला में परिणत करने का अद्वितीय कौशल आपने होजयरी उद्योग के माध्यम से सिद्ध किया है। इस उद्योग की तकनीक और प्रबन्ध में आप द्वारा स्थापित कीर्तिमानों की राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता है - टी.टी. होजियरी संगठन का पूर्ण कम्प्युटरीकरण, अखिल भारतीय होजियरी उत्पादक संघ की अध्यक्षता, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय होजियरी सम्मेलनों के आयोजन, संयोजन एवं उनमें योगदान और दायित्व आपकी बहुआयामी उद्यम-वृत्ति और व्यवसाय प्रबन्ध-शास्त्र और कला में निपुणता के स्वयंसिद्ध प्रमाण हैं। उद्योग व्यवसाय में आपकी सफलता अप्रतिम है। निस्पृह समाजसेवी!
वैयक्तिक उपलब्धि और उपार्जन को समष्टि हित में उपयोग करने का आपका विवेक और सात्विक एवं सादगी पूर्ण जीवन के द्वारा गुण-सम्पदा की अभिवृद्धि की आपकी साधना अनुपम एवं अनुकरणीय है। वैयक्तिक उत्कर्ष को सामाजिक उत्थान हेतु संयोजित करने की प्रतिबद्धता टी. टी. चेरिटेबल ट्रस्ट, दिल्ली और सुगनी देवी जैसराज बेद अस्पताल और शोध केन्द्र बीकानेर से प्रमाणित होती है। आडम्बर से मुक्त रहकर आप मुक्तहस्त से विपुल आर्थिक सहयोग समान और धर्महितार्थ करते हैं। निस्पृह सेवावृत्ति आपका सहज स्वभाव है। आपकी दानवीरता से संपन्नता गरिमा मण्डित बुद्धि कौशल से हुई है। अभ्युदय एवं गुणशील व श्री से लोक मंगल हेतु आपके अभिक्रम अभिनन्दनीय एवं स्तुत्य हैं।
. सतत उत्कर्ष की मंगलकामना के साथ आपको 'समाज-रत्न' की उपाधि से विभूषित करते हुए परम प्रसन्नता एवं अतीव गौरव का अनुभव करते हैं। स्वर्ण जयन्ती समारोह भीनासर बीकानेर,
जवाहर विद्यापीठ, भीनासर : दिनांक : १ मई १६६४
के सदस्यगण वार : रविवार
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