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कार्यक्रम के अध्यक्ष श्रीमान् गुमानमलजी चोरड़िया ने देश में बढ़ती मद्यपान की प्रवृत्ति पर चिन्ता व्यक्त सम्पूर्ण मद्यनिषेध की बात कही और साथ ही यह भी कहा कि भारत जैसे देश में आजादी के बाद भी बन्द न होना हमारे लिए शर्म की बात है। हमें तत्काल इस दिशा में ठोस प्रयत्न करने चाहिए। उद्बोधन तू संयोजक श्री रिखवचन्दजी जैन ने संस्था द्वारा आचार्य श्री जवाहरलालजी के व्याख्यानों के आधार पर जवाहर किरणावलियों की ११ पुस्तकों का सैट मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि को भेंट किया। इसके जसकरणजी सुखानी ने अपना संक्षिप्त वक्तव्य प्रस्तुत किया और अन्त में संस्था अध्यक्ष श्री बालचन्दजी आगन्तुक महानुभावों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम समापन के पश्चात् विशिष्ट अतिथियों ने योगशाला की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस प्रकार त्रिदिवसीय स्वर्ण जयन्ती महोत्सव के कार्यक्रम सम्पन्न हुए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. किरणचन्दजी नाहटा ने बहुत सुन्दर रूप से किया। यह कार्यक्रम की का द्योतक है कि संस्था के प्रांगण के पीछे तक लगी सभी कुर्सियां भर गई और लोग पीछे तक खड़े रहे नुक महानुभाव समारोह समापन तक शान्तिपूर्वक विराजे रहे ।
कार्यक्रम की सफलता का प्रमुख श्रेय संस्था मंत्री सुमतिलालजी बांठिया को है जिन्होंने पिछले एक साल लिए मेहनत की। स्वर्ण जयन्ती हेतु चन्दा एवं स्मारिका हेतु विज्ञापन एकत्रित करने के लिए जी जान से लिए संस्था की साधारण सभी की मीटिंग में मंत्री को इस कार्य के लिए अभिनंदित करने का प्रस्ताव रखा त्री ने कहा यह उनका कर्त्तव्य है और पद पर रहते किसी प्रकार का अभिनन्दन स्वीकार करने से स्पट कर दिया। वैसे कार्यक्रम की सफलता में प्रमुख सहयोग रहा संयोजक श्री रिखवचन्दजी जैन का एवं क्ष श्री भँवरलालजी कोठारी का, जिनके प्रयास व सम्बल के कारण कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो बन्दा एकत्रित करवाने में प्रमुख सहयोग श्री भंवरलालजी बडेर व श्री हँसराजजी सुखलेचा का रहा । में विज्ञापन एकत्रित करवाने में स्थानीय समिति में बीकानेर में श्री हंसराजजी सुखलेचा व नथमलजी ! गंगाशहर से श्री खेमचन्दजी छल्लाणी, श्री धूड़मलजी डागा व चंचलजी बोथरा का रहा तथा बाहर सभी लिए गठित उपसमितियों में दिल्ली से श्री रिखबचन्दजी वैद व शांतिलालजी बोथरा का, बैंगलोर समिति रनराजजी डागा का, कलकत्ता समिति के श्री धीरजलालजी बांठिया व तोलारामजी बोथरा का, जयपुर रु श्री गुमानमलजी सा चोरड़िया का मद्रास समिति से श्री तोलारामजी मिन्नी का, बम्बई समिति में जो दस्ताणी का, आसाम समिति से सिलचर से श्री जीवराजजी सेठिया व गौहाटी से श्री पुखराजनी व विशेष सहयोग रहा। समिति से बाहर के व्यक्तियों से विज्ञापन एकत्रित करने में प्रमुख सहयोग मनजी संठिया भीनासर व चुन्नीलालजी सोनावत गंगाशहर का रहा। अन्य कार्यक्रमों में विशेष सहयोग वर्ण जी सोनावत का रहा। इस प्रकार सभी के सहयोग से स्वर्ण जयन्ती महोत्सव सफलतापूर्वक मनाने में हो सके एवं विशेष रूप से धन्यवाद एक आभार उन सभी दानवीर महानुभावों एवं प्रतिष्ठान; संस्थान के पूपी: संचालकों का है जिन्होंने स्वर्ण जयन्ती के निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति हेतु मुक्तहस्त से बन्दा एवं सुन कार हेतु अधिकाधिक विज्ञापन प्रदान कर स्वर्ण जयन्ती को सार्थक, चिरस्मरणीय एवं शिक "इनगी बने। स्वर्ण जयन्ती के कार्यक्रम के प्रमुख अंशी को आकाशवाणी बीकानेर द्वारा भार - सभी बीकानेर के सभी प्रमुख समाचार-पत्रों राजस्थान पत्रिका, दैनिक युगपक्ष, राजदूत, सरभारत वापस
युद्ध व धार एक्सप्रेस आदि ने स्वर्ण जयन्ती की रिपोर्ट को प्रमुखता से दिय