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विषय
पाँच कारण चौमासे के पिछले सित्तर दिनों में विहार करने के
श्री सेठिया जैन मन्यमाला
प्रमाण
बोल भाग पृष्ठ ३३७ १३४७ ठा ५ उ २ सू४१३
पाँच कारण चौमासे के ३३६ १३४७ ठा ४ उ २ सृ४१३ प्रारंभिक पचास दिनों में विहार करने के
पाँच कारण दुर्लभ बोधि के २८६ पॉचकारण निद्रासेजागने के४२०
३४६
पाँच कारण पारंचित प्रायश्चित्त के
१२६६ ट ५३२ सू.४२६ १४४४ ठा४ उ.२ सू ४३६ १३५६ ट ५३ १३६८
पाँच कारण मोक्ष प्राप्ति के २७६ १२५७ भागम, कारण,, सम्मति भा.
४ कांड३ गा ५३
पाँच कारण शिक्षा में बाधक४२३ १ ४४६ उत्तथ ११ गा ३ पाँच कारण संभोगी साधु ३४५ १३५६ ट ५३१ ३६८ को अलग करने के
पाँच कारण साधु द्वारा ३४० १३५१ टा २४३७ साध्वी को ग्रहण करने या
सहारा देने (स्पर्श करने) के
पाँच कारण साधु साध्वी ३३६ १ ३४६ या ४८२ ४१७ के एकजगह स्थान, शय्या, निपधा आदि के
पाँच कारण सुलभवोधिके २८७ १ २६६ ५ उ४२६ पाँच कारण मूत्र की वाचनाके३८२ १ ३६८ ठा५३३.६८ पाँच कारणों से साधु मास ३३५ १ ३४६ टा. ४ उ.२ मृ. ४१२ में दो या तीन वार पांच महानदियों कोपारकरसकता है