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मशीफ वाटिका में वाि मरकामी मामीनाकपः पं. प्रांगन देकर माने
जाने की पहा पारने लगा। देश गमन पर गोली मार को महारा दापयन फर रहेगा। मैं तुम्हें पानी पदरानी सना पर मगा। बुहारी माता का सभी गम नही गावी पर पताकार करने का मनमा ! ! नमुनमगनमानेपानीपरमरमानानेगदी पर भीगान नदिमाग
की मनमा सीधाजन मावि मीना पनपना गाना मनों का मानना अनी मला फार दिवानलगा। मीना मानी नगी आने निभीक होकर मार दिया कि मपनी मनपारा किसे बना सके मरना
भीणाग सपने मनी की रक्षा नियमनमा गा. गर कर सकती है। निगमकार नीधिन सिंह की महाराज उत्पादना मोर जी पनाग पं. गन्ना की गति को माद करना सम्भव दे सीमकार नियों में मनीय गाजपारा करना भी ममम्भव है।
गवण ने साम, दाम, दण्जार भेदन पारी नानियों का प्रयोग सीना पर कर लिया किन्तु जो एक भी गतिः सफल नई। मीना को आने मनीद में भे गमान निधन पर दृढ़ साझा कर रायण निगश हो गया। वह वापिमरने साल को लोट गया किन्तु वह कामानि दम्प रोने लगा। अपने पनि की यह दशा देख कर मन्दोदरी को बहुत दान मा । वा करने लगी- स्वामिन ! सीता कारण कर मापने पहन अनुचित कार्य किया है। भाप मी उत्तम पम्पों को या, फार्ग