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द्वार
(२६) बोल नं० पृष्ठ बोल नं०
पृष्ठ ८४७ गुणस्थानो में क्रिया द्वार १०६ ८६६ ग्रहणैषणा के सोलह दोप१६४ ८४७ गुरणस्थानो में गुण द्वार १०८ ८४७ गुणस्थानों में चारित्र ८६७ ग्रामादि स्थान सोलह द्वार
११२ । साधु को कल्पनीय १६६ ८४७ गुणस्थानो मे जीव द्वार १०८ ८४७ गुणस्थानो मे जीवयोनि ८२८ चक्रवर्ती के चौदह रत्न २० द्वार
१११
८७५ चन्दनबाला (वसुमती)१९७ ८४७ गुणस्थानो में दण्डक ८७३ चन्द्रगुप्त राजा के सोलह १११ स्वप्न
१७८ ८४७ गुणस्थानो मे ध्यानद्वार १११ ९०० चन्द्रज्ञात अ० दसवा ४५६ ८४७ गुणस्थानों मे निमित्त
९०० चन्द्रमा कादृष्टान्त ४५६ द्वार
८८६ चरम शरीरी को प्राप्त ८४७ गुणस्थानों में निर्जरा
सतरह बातें ३९५ द्वार ८४७ गुणस्थानो में परिषद ८४३ चरमाचरम के चौदह द्वार
द्वार
४२ ८४७ गुणस्थानो मे बन्ध ८८ ८७५ चूला (पुष्पचूला) ३६४ ८४७ गुणस्थानों में भाव द्वार १०७
८९६ चोर की प्रसूति अठारह४१५ ८४७ गुणस्थानो में मार्गणा
चौतीस अस्वाध्याय का द्वार
११० ८४७ गणस्थानो मे योग द्वार १०९
सवैया (परिशिष्ट) ४७५ ८४७ गुणस्थानो मे लेश्या ८३१ चौदह नियम श्रावक के २३
१०९ ८३२ चौदह प्रकार का दान २६ ८४७ गुणस्थानो में सत्ता ९९ ८३० चौदह महास्वप्न २२ ८४७ गुणस्थानो मेसमकित ११२ / ८४५ चौदह राजश्रो मे जीवों ८४७ गुणस्थानों मे स्थिति द्वार १०५ का निवास
४८ ८४७ गुणस्थानों मे हेतु द्वार ११० ८४५ चौदह राजू परिमाण लोक ४५
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