________________
PRTS
श्री सेठिया जैन ग्रः
।
ATION
RSSFIELTS
TVSARIEF-.
-
on
MALAI
wnk-
-
-
वर्णादि इस प्रकार २६ प्रकृतियाँ
क
t ratee १२२ प्रकृतियों में उपरोक्त २६मिल - RAT
पहले तथा चौथे से लेकर ग्या अर्थात् १४८ प्रकृतियों की सत्ता गुणस्थान में तीर्थङ्कर नामकर्म र दोनों में १४७ प्रकृतियों की ही
जिस जीव ने पहले नरक बाद में सम्यक्त्व प्राप्त करके : भी बाँध लिया है वह जीव : अवश्य ही प्राप्त करता है। स्थान में तीर्थङ्कर नामकर्म गुणस्थान में वर्तमान को सकता, क्योंकि उन दोनों इसी प्रकार तीर्थङ्कर ना से च्युत होकर दूसरे र Trender दूसरे और तीसरेगुणः । * - - १४७ कर्मप्रकृतियों ..
nazar : कर्मों की सत्ता दं.
TRE सत्ता । जीव के साथ .
- सत्ता कहते हैं और जिक होने पर भी वॅधने की सम्म कहते हैं। ऊपर वताई गई १४ सम्भवसत्ता की अपेक्षा से है। सकती है। स्वरूपसत्ता की अपेक्षा साथ नहीं रह सकता किन्तु सम्भवसत्ता -
चौथे गुणस्थान से सम्यक्त्व की अपे,
AL
र
...