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- २२८ श्री सेठिया जैन प्रन्थमाला
(१०).समुच्चय अधिकार-जम्बूद्वीप में होने वाले उत्तम पुरुष। जम्बूद्वीप में निधानारनों की संख्या जम्बूद्वीप की लम्बाई चौड़ाई। नम्बूद्वीप की स्थिति । जम्बूद्वीप में क्या अधिक है ? इसका नाम - जम्बूद्वीप क्यों है ? इत्यादि का वर्णन ।
(६) चन्द्र प्रज्ञप्ति यह कालिक सूत्र है। चन्द्र की ऋद्धि, मंडल, गति, गमन, संवत्सर, वर्ष, पच, महीने, तिथि, नक्षत्रों का कालमान, कुल और उपकुल के नक्षत्र, ज्योतिषियों के सुख वगैरह का वर्णन इस सत्र में बहुत विस्तार से है । इस सत्र का विषय गणितानुयोग है। बहुत गहन होने के कारण यह.सरलतापूर्वक समझ में नहीं पाता। इस में नीचे लिखे विषय प्रतिपादित है:
(१) प्रामृत-मङ्गलाचरण । २० प्राभूतों का संक्षिप्त वर्णन। प्रामृत और प्रतिप्रामृत में प्रतिपत्तियाँ, सर्वाभ्यन्तर प्राभत । पहला प्रतिप्राभूत-मंडल का परिमाण । द्वितीय प्रतियोभृत-मंडल संस्थान । तृतीय प्रतिप्रामृत-मंडल क्षेत्र। चतुर्थ प्रतिप्रामत-ज्योतिषी अन्तर। पाँचवां प्रतिमामत-द्वीपादि में गति का अन्तर छठा प्रतिप्राभतअहर्निश क्षेत्र पर्शासावयाँ प्रतिप्रामत-मंडल संस्थान पाठवाँ प्रतिप्रामृत-मंडल-परिमाण ।
(२) प्राभूत-प्रथम, प्रतिभाभृत-तिब्धीमति परिमाणं । द्वितीय प्रतिप्रामृत-मंडल संक्रमण हत्तीय प्रतिप्रमित-मुहर्त गतिपरिमाण ।
प्रामृत-क्षेत्र परिमाण १४. प्रामृत वाप, चित्र संस्थान
प्रामृत लेश्या मतियात (६)प्राभूत प्रकाश कथना (७)प्रामृत प्रकाश संशेष।