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श्री जेन सिद्धान्त बोल संग्रह, चौथा भाग - १५१ के पहले, पीछे-या उत्पन्न होते समय ? इसी प्रकार २४ दण्डकों में प्रश्न । नैरयिक जीव को उत्पन्न होने के पहले पीछे या उत्पम होते समय महावेदना होती है ? कर्कशवेदनीय और अंकर्कशवेदनीय, सातावेदनीय और असावावेदनीय का बंध किन किन जीवों को होता है ? इस जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र के अवसर्पिणी काल के दुषमदुषमा नामक छठे आरे का विस्तृत वर्णन। - (७) उ०-संवत अनगार को ईयांपथिकी क्रिया लगती है या साम्परायिकी ? काम रूपी है या अरूपी ? काम सचित्त है या अचित्त ? काम जीव के होते हैं या अजीव के ? भोगों के लिए रूपी,अरूपी,सचित्त,अचित्त,जीव,अजीव आदि के प्रश्नाशब्द और रूप काम है,रस,गंध और स्पर्शमोग है। कामभोगी,नोकामी,नोमोगी, और भोगी पुरुषों का अल्पबहुल, असंही प्राणी अकाम वेदना वेदता है या सकाम १ इत्यादि विचार।
(0) उ.-क्या छमस्थ जीव सिर्फ संयम से ही मुक्ति जा सकता है ? उत्तर के लिए पहले शतक के चौथे उद्देशे की भलामण। हाथी और कुथुए का जीव बराबर है या छोटा पड़ा १ राजप्रश्नीय स्त्र की भलामण । नारकी जीव जो कर्म बाँधता है और बाँधेगा वह दुःख रूप है और जिसकी निर्जरा कर दी वह सुख रूप है। श्राहार संज्ञा आदि दस संज्ञाओं के नाम, नरक की दस वेदना । हाथी और कुंथुए के जीव को समान रूप से अप्रत्याख्यानी क्रिया लगती है। आधाकर्मी आहार के भोगने वाले को क्या बंध होता है ? उत्तर के लिए प्रथम शतक के नवें उद्देशे की भलामण ।
(६) उ०-असंवृत अनगार की विकुर्वणा का विचार, कोणिक राजा के साथ चेड़ा राजा एवं काशी देश और कौशल देश के नव मन्लि और नव लच्छी अठारह गण राजाओं के महाशिला कंटक संग्राम का वर्णन, संग्राम में लाख मनुष्य मारे गये और वे प्रायः नरक और तिर्यच गति में उत्पन हुए । रथमसल