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५१३ गणावछेदक पदवी २४० | ४४८ छपुरि०नव० प्रतिलेखना ५३ ५१३ गणी पदवी २४० ४६२ छह काय ५१२ गत उ० के कुलकर २३९ ४६४ छह कायका अल्पबहुत्व ६५. ४४६ गतप्रत्यागता गोचरी ५२ ४६३ छह काय की कुलकोडी ६४ ४४.५ गति प्रत्यनीक , ४९| ४९७ छह दर्शन १९५ ४२४ गुण छः द्रव्यों के ४ | ४२४ छहं द्रव्यों का सम्बन्ध १४ ४९७ गुणव्रत
४. छह बोल असमर्थ १०१ ४९७ गुणस्थान
|४४३ छेदोपस्थाकल्पस्थिति ४५ ४४५ गुरु प्रत्यनीक ४९, ४९७ जड़वाद
१३० ५१७ गुर्वभ्युत्थान श्रागार २४७ ५६१ जमाली प्रथम निह्नव ३४२ ४४६ गोचरी के छः प्रकार ५१ ५३६ जम्बूद्वीप में सात वास २६९ ४४६ गोमूत्रिका गोचरी ५१ ४३५ जम्बू में अकर्म भूमियाँ ४१ ५६१ गोष्टामाहिल निह्नव ३८४] ५२२ जिनकल्प
२५४ ५२९ चक्रवर्ती के एकेरत्न २६५४४३ जिनकल्पस्थिति ४७ ५२८ चक्रवर्ती के पंचे रत्न २६५ | ४३८ जीव के संठाण ६७ ४३१ चारित्र की अपेक्षा काल ३८ | ५५० जीव के भेद २९२ ४९७ चारित्र के भेद १९९| ४२४ जीव द्रव्य की चौमङ्गी ११ ४९७ चार्वाक दर्शन १३० ४६३ जीव निकाय की कुलकोडी ६४ ५०७ चिन्तन के फल २३५ | ४६२ जीव निकाय ६३ ४९७ चोरी का स्वरूप १९७ | ५६१ जीवप्रादेशिकदृष्टि निव३५३ ५६१ चौथा निहव ३५८ | ४२४ जीवास्तिकाय ४३० छः बारे श्रवसर्पिणी के २९| ४९७ जैन दर्शन ४३१ छः बारे उत्सर्पिणी के ३५ ४९७ जैन साधु ४५५ छः आगार समकित के ५८|४४० ज्ञानावरणीय कर्म बाँधने ४२४ छः द्रव्यों की चौभङ्गी ११ के कारण
४४ ५६१ छठा निह्नव ३७१ | ४६० झूठा कलङ्क लगाने वाले ४८९ छद्मस्थ के अज्ञेय छः १०१ को प्रायश्चित्त ६२ ५२५ छद्मस्थ के अज्ञेय सात २६१ | ४७८ तप आभ्यन्तर के भेद ८९ ५२३ छद्मस्थ जानने के स्थान२६० | ४७६ तप (बाह्य, के भेद ८५)