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के संग्रह स्थान सात २४२/५१३ उपाध्याय पदवी २४० ५१३ प्राचार्य पदवी २३९ ५६२ ऋजुसूत्र नय ४१६ ५११ श्रा० उ० के कुलकर २३९ . ४३२ ऋतुएं छह
४० ४७८ आभ्यन्तर तप छः ८९ ४३८ ऋद्धि प्राप्त आर्य के भेद ४२ ४७३ आयुबन्ध छः प्रकार का ७९ | ५१७ एकलठाण के श्रागार २४७ ५३१ श्रायु टूटने के कारण २६६ । ५६२ एवंभूत नय ४१८ ४४९ श्रारभटा प्रतिलेखना ५३ | ५१९ एषणा आहार की) २४९ ४३० आरे छः अवसर्पिणी के २९ | ५२० एषणा (पानी की) २५० ५३४ श्रारा दुषमा आया ५३२ कथा सात २६७
हुआ जानने के स्थान २६८ | ४९७ कर्मवाद २१२ ५३५ आरा सुषमा श्राया ४४४ कल्प पलिमन्यु हुआ जानने के स्थान २६९ ४४३ कल्पस्थिति
४५ ५६१ आर्यगङ्गपांचवा निहव३६६ | ५४७ फाययोग के भेद २८६ ४७९ आवश्यक के छः भेद ९०|४६२ काय छः ५५९ श्रासन प्राणायाम के ३११ | ५०४ कायविनय अप्रशस्त, २३३ ४९७ श्रास्त्रव और संवर २०५ | ५०३ कायविनय (प्रशस्त, २३२ ४८४ आहार करने के छःकारण ९८५५१ काल के भेद २९२ ५१९ आहार की एषणाएं २४९ | ४२४ काल द्रव्य १२ ४८५ श्राहार छोड़ने के छःकारण ९९/५११ कुलकर आ० उ० के २३९ ४७७ इत्वरिक अनशन ८७ | ५१२ कुलकर गत उ० के २३९ ४९७ उत्तर मीमांसा १५४ | ५०८ कुलकर व० अव० के २३७ ५५९ उदान वायु ३०५ |५०९ कुलकरों की भार्याएं २३८ ४५७ उन्माद के छः बोल ६०४६३ कुलकोडी जीव की) ६४ ४२५ उत्पाद व्यय ध्रौव्य । २२ | ५२४ केवली जानने के स्थान २६१ ५११ उपआगामी के कुलकर२३९ | ४६७ क्षुद्रप्राणी छः ६७ ४३१ उत्सर्पिणी के छः पारे ३५| ४५० गणधारक के गुण ५१२ उ० ग० के कुलकर २३९ | ५१५ गण छोड़ने के कारण २४४ ४२७ उपक्रम के भेद २५ | ५१३ गणधर पदवी २४० ५६२ उपनय
३४/५१५ गणापक्रमण साव २४४