________________
उभार दलपत
सालमा
अन्धालय
कि मि
श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह, प्रथम भाग
पर प्राप्त
सम्मतियाँ 'जैन प्रकाश' (बम्बई ता०१० अक्टूबर १९४०)
श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह ( प्रथम भाग )। संग्रहकर्ता-भैरोंदानजी सेठिया,प्रकाशक-सेठिया जैन पारमार्थिक संस्था,बीकानेर । पृष्ठ ५०० मूल्य रू. १)
उपरोक्त बोल संग्रह में प्रथम बोल से पांचवें बोल तक संग्रह किया गया है । इस संग्रह से वर्तमान जैन साहित्य में एक बड़ी क्षति की पूर्ति हुई है । इस संग्रह को हम “जैन विश्व कोष" भी कह सकते हैं। प्रत्येक बोल इस खूबी से संग्रह किया गया है कि उस बोल से सम्बन्ध रखने वाले प्रत्येक विषय को इसमें स्पष्ट कर दिया है। प्रत्येक बोल के साथ जैनशास्त्र स्थल का भी संपूर्ण रूप से उल्लेख किया है । अतः जिज्ञासु और विद्यार्थियों के लिये यह संग्रह बहुत ही उपयोगी है।