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२८३
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भेद
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[ ५० ] विषय बोल नम्बर | विषय
बोल नम्बर वेदनीय कर्म के दो भेद ५१ शब्द रूप श्रुत धर्म वेदिका प्रतिलेग्वना के पांच 'शब्दानुपात
३२२ शम वैक्रिय बन्धन नाम कर्म ३६० शरीर की व्याख्या और वैक्रिय शरीर
३८९ उसके भेद वैदारिणी
२९५ शरीरानुगत वायु वैभाविक गुण ५५ शल्य तीन
१०४ वैराग्य की व्याख्या और उसके शाक्य
३७२ ६० शाश्वत अनन्तक व्यञ्जनावग्रह
५८ शिक्षा प्राप्ति में बाधक पांच व्यतिक्रम
२४४ कारण व्यय
६४ शिक्षात्रत चार व्यवसाय की व्याख्या और शीतयोनि
८५ शीतोष्ण (मिश्र) योनि ६७ व्यवसाय सभा
३६७ शील व्यवहार ३६ शुक्ल ध्यान
२१५ व्यवहार सूत्र का मंक्षिप्त विषय
शुक्ल ध्यान की चार भावनाएं २२६ परिचय
शुक्ल ध्यान के चार आलम्बन २२७ व्यवहार पाँच
शुक्ल ध्यान के चार लिङ्ग २२६ व्यवहार भापा
शुक्ल ध्यान के चार भेद २२५ व्यवहार राशि व्यवहार समकित
| शुक्ल पक्षी शुद्धपणिक
शूर पुरुष के चार प्रकार शंका
२८५ / श्रद्धा शनैश्चर संवत्सर ४०० श्रद्धान शुद्ध
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भेद
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