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बोल नम्बर | विपय
विपय
वर्षावास अर्थात् चौमासे के
पिछले ७० दिनों विहार करने
३३७
के पाँच कारण
वर्ण संज्वलनता विनय के चार
प्रकार
के पाँच भेद
वस्तु के स्व-पर चतुष्टय के चार
भेद
वाक् दुष्प्रणिधान
वागतिशय
वाचना
वाचना के चार अपात्र
वाचन के चार पात्र वाचना देने के पांच बोल
वादी के चार भेद
वादी चार
विकथा
विकथा की व्याख्या और
भेद
विक्षेपणा विनय के चार
और भेद
विचिकित्सा
२३७
३७४
२१०
३०६
(ख) १२६
३८१
२०७५
२०६
२८२
प्रकार
विक्षेपणी कथा की व्याख्या
|
विनय प्रतिपत्ति के चार
प्रकार
विनयवादी
विनय शुद्ध
विपरिणामना उपक्रम
विपरीत स्वप्न दर्शन
विपाक विचय
।
विपुनमति मनः पर्यय ज्ञान
विपर्यय
विमानों के तीन आधार
विरति
विरसाहार
विराधना
विरुद्ध राज्यातिक्रम
१६१ विवृत्त योनि
१६२ विशेष
२६१
विश्राम चार
विपय
१.८ वीरासनिक
वीर्याचार
२३२ atर्यान्तराय
बोल नम्बर
१५५ परिचय
२३४
१६१
२८५ वेदक समकित
विणीया (वैनयिकी) वुद्धि २०१ | वेद की व्याख्या और भेद
३२८
२४६
४२१
२२०
१४
६२१
११४
२६६
३५६
८७
३०३
६७
४१
१८७
२६१
वृहत्कल्प सूत्र का संक्षिप्त विषय
३५७
३२४
३८८
२०५
२८२
६८