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[ ४४ ] विपय बोल नम्बर | विषय
बोल नम्बर प्रान्ताहार ___३५६ बल वीर्य पुरुपाकर पराक्रम प्रायश्चिन चार (क) २४५ प्रतिघान
४१६ प्रायश्चित्त के अन्य प्रकार में वहिः पुद्गल प्रक्षेप चार भेद (ख) २४५ बहिरात्मा प्रेम प्रत्यया
२९६ बादर प्रेष्यप्रयोग
३१० बुद्धि के चार भेद बेइन्द्रिय
२८१ ब्रह्मचर्य
३७३ फल के चार प्रकार १७० ब्राह्मण वनीपक फल की उपमा से पुरुप के चार प्रकार
१७१
भक्त कथा चार भक्तपान व्यवच्छेद
भगवान महावीर से उपदिष्ट वन्ध
३०१ एवं अनुमत पाँच बन्ध के दो भेद ५२ बोल ३५० से ३५७ तक बन्धन की व्याख्या और भेद २६ भगवान महावीर से उपदिष्ठ बकुश
३६६ एवं अनुमत पाँच स्थान ३५६ वकुश के पोच भेद
३६८ , भय संज्ञा चार कारणों से बन्ध
२५३ । उत्पन्न होती है बन्ध की व्याख्या और भेद २४७ । भय संज्ञा
१४२ बन्धन नामकर्म के पाँच
भर्ता ( सेठ) का प्रत्युपकार भेद ३६० दुःशक्य है
१२४ बन्धन प्रतिघात
४१६ भवप्रत्यय अवधि ज्ञान १३ बन्धनोपक्रम
२४६ | भवसिद्धिक
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