________________ 435 श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह धाय के पांच भेदः(१) क्षीर धाय / (2) मजन धाय / (3) मण्डन धाय / (4) क्रीड़न धाय / (5) अङ्क धाय / (1) क्षीर धायः-चच्चों को स्तन-पान कराने वाली धाय क्षीर धाय कहलाती है। (2) मजन धायः बच्चों को स्नान कराने वाली धाय मज्जन धाय कहलाती है। (3) मण्डन धाय-बच्चों को अलङ्कारादि पहनाने वाली धाय मण्डन धाय कहलाती है। (4) क्रीड़न धायः बच्चों को खिलाने वाली धाय क्रीड़न धाय कहलाती है। (5) अङ्क धायः- बच्चों को गोद में बिठाने या मुलाने वाली धाय अङ्क धाय कहलाती है। (आचारांग श्रुतस्कंध 2 भावना अध्ययन 15) (भगवती शतक 11 उद्देशा 11) ४०४--तिश्चर्य पञ्चेन्द्रिय के पाँच भेदः (1) जलचर / (2) स्थलचर। (3) खेचर / (4) उरपरिसर्प / भुजपरिसर्प / (1) जलचरः-पानी में चलने वाले जीव जलचर कहलाते हैं / जैसे:-मच्छ वगैरह / मच्छ, कच्छप, मगर, ग्राह और सुंसुमार ये जलचर के पाँच भेद हैं।