________________ કરદ્દ श्री सेठिया जैन ग्रन्थमाला चन्द्र माम कहलाता है / बारह चन्द्र माम अर्थात् 3541: दिनों का एक चन्द्र प्रमाण मंवत्सर होता है। ऋतु प्रमाण मंवत्मरः-६० दिन की एक ऋतु प्रसिद्ध है। ऋतु के आधे हिस्से को ऋतु मास कहते हैं / सावन माम और कर्म माम ऋतु माम के ही पर्यायवाची हैं / ऋतु माम तीम दिन का होता है / बारह ऋतु माम अर्थान् 360 दिनों का एक ऋतु प्रमाण मंवत्सर होता है / आदित्य प्रमाण संवन्मर:-श्रादित्य (सूर्य) 183 दिन दक्षिणायन और 183 दिन उत्तरायण में रहता है / दक्षिणायन और उत्तरायण के 366 दिनों का वर्ष आदित्य संवत्सर कहलाता है। अथवा:सूर्य के 28 नक्षत्र एवं बारह राशि के भोग का काल आदित्य मंवत्सर कहलाता है / सूर्य 366 दिनों में उक्त नक्षत्र एवं गशियों का भोग करता है। आदित्य माम की औमत 301 दिन की है। अभिवर्धिन संवन्मरः-तेरह चन्द्र माम का मंवन्मर, अभिवर्धित मंवत्सर कहलाता है / चन्द्र मंवत्सर में एक माम अधिक पड़ने से यह संवन्मर अभिवर्धित मंवत्सर कहलाता है। अथवाः३११९१ दिनों का एक अभिवधित माम होता है / चारह अभिवर्धित माम का एक अभिवर्धित संवत्सर होता है।