________________ 424 श्री सेठिया जैन ग्रन्थमाला प्रदक्षिणा करते हुए चलने रहते हैं। मानुष्योत्तर पर्वत के आगे रहने वाले सभी ज्योतिषी देव स्थिर रहते हैं। जम्बूद्वीप में दो चन्द्र, दो सूर्य, छप्पन नक्षत्र, एक सौ छिहत्तर ग्रह और एक लाख तेतीस हजार नौ सौ पचाम कोड़ा कोड़ी तारे हैं। लवणोदधि समुद्र में चार, धातकी खण्ड में बारह, कालोदधि में बयालीस और अर्द्धपुष्कर द्वीप में बहत्तर चन्द्र हैं। इस क्षेत्रों में सूर्य की संख्या भी चन्द्र के समान ही है / इस प्रकार अढ़ाई द्वीप में 132 चन्द्र और 132 सूर्य हैं। एक चन्द्र का परिवार 28 नक्षत्र, 88 ग्रह और 66675 कोड़ा कोड़ी तारे हैं। इस प्रकार अढाई द्वीप में इनसे 132 गुणे ग्रह नक्षत्र और तारे हैं। ___चन्द्र से सूर्य, सूर्य से ग्रह, ग्रह से नक्षत्र और नक्षत्र से तारे शीघ्र गति वाले हैं। मध्यलोक में मेरु पर्वत के सम भूमिभाग से 760 योजन से 100 योजन तक यानि 110 योजन में ज्योतिषी देवों के विमान हैं। ( ठाणांग 5 उद्देशा 1 सूत्र 401 ) (जीवाभिगम प्रतिपत्ति३) ४००-पाँच संवत्सरः एक वर्ष को संवत्सर कहते हैं / संवत्सर पांच हैं:(१) नक्षत्र संवत्सर (2) युग संवत्सर / (3) प्रमाण संवत्सर (4) लक्षण संवत्सर / (5) शनैश्चर संवत्सर /