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[ ३५ ] विषय बोल नम्बर | विषय
बोल नम्बर छेदोपस्थापनिक चारित्र ३१५ | जीवास्तिकाय के पांच भेद २७७ छद्मस्थ के परिपह उपसर्ग जीविताशंसा प्रयोग सहने के पाँच स्थान ३३१ ज्ञान
३६६ छद्मस्थ पाँच बोल साक्षात् ज्ञान कुशील
३६६ नही जानता
३८६ ज्ञान के पांच भेद ३७५
ज्ञान के दो भेद
ज्ञान गर्मित वैराग्य जन्म की व्याख्या और भेद ६६ ज्ञान दान
१६७ जम्बू द्वीप
ज्ञान पुलाक जम्बू द्वीप में मेरू पर्वत पर ज्ञान प्रायश्चित्त
२४५ चार वन हैं
ज्ञान विराधना जलचर
ज्ञानातिशय (ख) १२६ जाङ्गमिक ३७४ ज्ञानाचार
३२४ जाति की व्याख्या और भेद २८१ ज्ञानागधना जिन तीन
७४ ज्ञानावरणीय की व्याख्या और जीत व्यवहार ३६३ उसके पांच भेद
३७८ जीव
(ख) ७ ज्ञानेन्द्र जीव की अशुभ दीर्घायु के तीन ज्योतिषी देवों के पांच भेद ३६६ कारण जीव की शुम दीर्घायु के तीन कारण
१०७ | तज्जात संसृष्ट कल्पिक ३५३ जीव के तीन भेद ६६ | तत्त्व की व्याख्या और भेद ६३ जीव के पांच भाव ३८७ । तत्प्रतिरूपक व्यवहार ३०३ जीवाधिकरण
५० | तत्काल उत्पन्न देवता चार जीवास्तिकाय २७६ / कारणों से इच्छा करने पर
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