________________
विषय ऊर्ध्व दिशा प्रमाणातिक्रम
ऊर्ध्व लोक
ऊर्ध्व वैदिका
३२२
।
ऊद की व्याख्या और भेद २११
1
-::---
[ ३० ]
बोल नम्र विषय
ऋजुमति मन:पर्ययज्ञान
ऋतु संवत्सर
ऋद्धि के तीन भेद
ऋद्धि गारव
-::
एकनवेदिका
एकत: अनन्तक
एकत्व वितर्क शुक्ल ध्यान
एकेन्द्रिय
औदकि श्रदारिक बन्धन नामकर्म
३०६ औपशमिक
५६ औपशमिक
दारिक शरीर
दारिक संघात नामकर्म श्रपनिधिक
१४
४००
६६
३२.२
४१८
२२५
२८१
एपरा की व्याख्या और भेद ६३ एपणास मिति
३२३
कथ्य काव्य
कन्दर्प
कन्दर्प
कटक के समान श्रावक
कथा तीन
कर्म तीन
कर्म भूमिज
कर्मवादी
कल्पातीत
३८७ कल्पोपपन्न
३६० कपाय
३६१
३५४
10:1
क
बोल नम्बर
co
कन्दर्प भावना
१४१
८ कन्दर्प भावना के पांच प्रकार ४०२
कप्पवsसिया
३८४
कम्मिया
२०१
करा की व्याख्या और भेद 5
करण के तीन भेद
६४
२७
२५३
७२
७१
१६१
५७
५७
कर्म की व्याख्या और भेद
कर्म की चार अवस्थाएं
३८६ कपाय
३८७
१८५
३
२१२
३०८
४०२
२८६
२६१
कपाय की ऐहिक हानियाँ
१६६
कपाय की व्याख्या और भेद १५८