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श्री अगरचन्द भैरोंदान सेठिया जैन पारमार्थिक संस्थाओं का परिचय
★★★ श्रीमान सठिया जी को सदा से ज्ञान की प्यास है । ज्ञान की यह प्यास आपके जीवन में सदा जागृत रही है । इसी के फल स्वरूप
आपने १६७० में बीकानेर नगर में एक शिक्षण मन्था की स्थापना की। इस संस्था को स्थापित कर आपने अपने विचारों को मूर्त रूप दिया। इस आरम्भिक संस्था का रूप यद्यपि व्यापक नहीं था परन्तु वह बड़ी उपयोगी और उस समय की आवश्यकता की पूर्ति करने वाली सिद्ध हुई।
श्री सेठिया जी ने ज्ञान का जो दीपक जगा कर रखा था उसने अपना प्रकाश चारों ओर फैलाना आरम्भ किया । आलोक को इन किरणों को आपके ज्येष्ठ भ्राता श्रीमान अगरचन्द जी सेठिया ने देखा । उन्हें अपने भाई का यह प्रयास अत्यन्त सुन्दर प्रतीत हुआ और उन्होंने इस कार्य में योग देने का अपने मन में निश्चय किया। फलतः संवत् १९७८ में आपने अपने विचारों से सेठियाजी को अवगत कराया और तभी से उक्त संस्थाएँ दोनों भाइयों के सम्मिलित योग से वृहत रूप में चल रही हैं। इस समय संस्थाओं के निम्न विभाग कार्य कर रहे हैं ।
(१) श्री सेठिया बाल पाठशाला । (२) श्री सठिया विद्यालय । (३) श्री सेठिया नाइट कालेज । (४) श्री सेठिया कन्या पाठशाला । (५) श्री सेठिया प्रन्थालय । ६) श्री सेठिया मुद्रणालय ।