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Catalogue of Sanskrit, Prakrit, Apabhramsa & Hindi Manuscripts
(Pala-Patha-Vidhana)
Closing | Colophon:
देखें, ऋ० १६६५ । इति सोलंकारण पूजा ।
२०००. सोलहकारण-पूजा
Opening :
मया मेरी कूरिया हमुन?
आवे मेरी कूरिया हसुन । ले पोज मेरी हम वहहमको न विसरो ये कहमा। कर हे सीता वीसेर हम ॥१॥ साल सुवेरा वेर न जाने न जाने घूप अब वरखा जी ॥ नही है।
Closing : Colophon :
२००१. सोलहकारण-पूजा
Opening :
सोलंकारन भाय तीर्थकर जे भये, हर्षे इन्द्र अपार मेरु पं ले गए। पूजा करि निज धन्य लख्यो बहु चावसौ. हमहूँ पोडस भावन भाव भाव सौ ।। देखें, क. १९६५ इति सोलह कारन पूजा सपूर्णम् । भाद्र शुक्ल १० गुरु स० १९६५ आरा मे बाबू हरिदास ने लिखा बावू अनतकुमार के पढने हेतु । शुभम् ।
Closing : Colophon :
२००२. सोनागिरि-पूजा
opening ,
जबूद्वीप मझार भरत क्षेत्तर कह्यो, आरज पड सुजान वद्र देस लह्यो ।।