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१६६ Cataloruc of Sansirit, Prakrit, Apabhrama & Hindi Manuscrripts
( Stotra)
Colaph onापमा। भादय यदी : पार गनिम्नरयार
मारा ८ फा। नि. समीर धारक पालमनाम
१५४७ पद
Opening :
Closure
जो रिजन नाय मुरिज पद पाई। समन अनि गैगि गाई ॥टेक॥ 2. हिनफार माना। माग गोगी माहि फेरि नही पाऊँ ।। णा जिगर निगम मानी गाई ।। म भनी ।। ति पद मराटी समाप्तम् । शुग भूमार लिनि गादव मुगी ११ गारगोमवार मयत १६४८ निरत अमांचा यावा पान
Colophon:
मग्राम का यामी।
१५४८. पद
Opening ! Closing :
दिन वारन बोल दुनिया मीनप जमारोपाय जी । पारी माग जावतार साम मिल गया चोर, पतरी वाण भया .. ॥ अनुपलब्ध ।
Colophon
१५४६ पद
Opening :
नेमि सावरो मे हारि प्रोत लगी हो । सत् खग दिवारि सील जो न किया जोर जगती गो तारी लगीहो।