________________
७३
Catalogue of Sanskrit, Prakrit, Apabhrasah & Hindi Manuscripts
( Rasa-Chanda-Alankira-etc) -
१२३१ अढाईरासा
Opening :
Closing । Colophon -
देखें, ऋ० १२३० । देखें, ऋ० १२३० । इति अढाई पूजा रासौ सपूर्णम् । शुभ भवतु ।
१२३२. बारहमासा
Opening
विनवे उग्रसेन की लाडिली समुझाबहु मोहि ये हे
सगरी ॥१॥ बारह मास पूरे भये . प्रति उत्तर लाल विनोदि गाई। इति बारहमासा समाप्तम् । . .
Closing Colophon
१२३३. बारहमासा. . - ...
Opening
Closing : Colophon!
देखे -ऋ० १२३२ । देखे-ऋ० १२३२। . . इति श्री बारहमासा जी समाप्तम् ।
१२३४. चंद्रशतक
Opening
अनुभौ अभ्यास में निवास शुद्ध चेतन को, अनुभौ सरूप शुद्धबोध को प्रकाश है। अनुभौ बनूप स्प रहत अनत ग्गन, अनुभो अतीत त्याग ग्यान सुख रास है । अनुभो अपार तार आपही को आप जान नापही में व्यापदीस जाम जड़ नास है।