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चतुर्थ भाग
(२८७)
उसने एक केवली के सामने ये प्रतिज्ञा की थी कि जो स्त्री उसे न चाहेगी, उसको वो क्ल पूर्वक अपनी अर्धांगिनी न बनायेगा। इसको दृढ़ता से पालने में ही उसने तीर्थंकर प्रकृति का बन्धकर 1 लिया तीसरे चौथे भव से मोक्ष जायेगा।
ला०---अक्षौहिणी किसे कहते हैं ?
~~जिस सेनामें इक्कीस हजार आठ सौ सत्तर स्थ इतने ही हाथी एक लाख नौ हजार तीन सौ पचास पियादे और पैंसठ हजार छै सौ दस घोड़े हों उसे एक अक्षौहिणी कहते हैं । ऐसी तीस अक्षौहिणी सेना लेकर विभीषण राम से पाकर मिला था। रावण के पास चार हजार अक्षौहिणी सेना थी, रामके पास सब गजाओं की मिलाकर एक हजार अक्षौहिणी से अधिक नहीं थी, फिर भी युद्ध में राम को जीत हुई।
साधु-इसमें आप लक्ष्मण को मुा आदि दिखायेंगे या नहीं ?
७०---हमारे पास इतना समय नहीं है। और न ही ये मूर्छा आदि कोई खास दिखाने की बातें हैं। ___ यदि हर एक बात देखनी है तो श्री पद्मपुराण नामक ग्रंथको पढ़ो जिससे हृदय के पट खुलकर उसमें ज्ञानका प्रकाश हो । ये अंक हमें युद्ध दिखाकर समाप्त करना है। दोनों सेनायें एक स्थान