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( १६६ ) जीवने गाठे वन्धन बांध्या होय १ गाढा घाव घाल्या होय २ चामड़ी छेदन किया होय ३ अति भार घाल्या होय ४ भात पाणीनां विच्छोहा कीनां होय ५ तम्स सिछामि दुक्कडं । बौण अगावए थ लाउ सूसावायाउ बिग्मणं वोजो अणू व्रत स्थलथी झूट बोलवो निवर्तवो पांचे बाले कगै ओलखौजे द्रव्यथको कनालिक १
कन्याके ताई झूठ गोवालिक २ भौमालिक ३ थापण मोमा ४ गाय भैसादि भूमि निमित लेकर
नटवो कारण झूठ झूठ कूडौमाख ५ झूठी साखी इत्यादिक मोटको झूठ मर्याद उपरांत बोलू नहीं वोलाउं नहीं मनसा वायसा कायसा, द्रव्यघको एहीन द्रव्य, क्षेत्रथको मर्व नेत्रामे कालथको जाव नीव लग, भावधको राग द्वेष रहित, उपयोग सहित, गुगाथको संवर निर्जग, एहवा म्हारै दूजा व्रतन विषै जे कोड अतिचार दोष लागी होय ते भालाऊं।
कियाही प्रते कूड़ो बालदियो होय १ रहस्य कानो वात प्रगट करी होय २ म्त्री पुरुपनां मर्म प्रकाश्या होय ३