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( १३३ ) ६ अधर्म छोडवा जोग के आदर वा जोग छोडवा जोग छ।
॥ लड़ी २२ बाइसनी ॥ १ सामायक जीव के अजीव जीव छै । २ सामायक सावा के निरव द्य निरवद्य छ। ३ सामायक चोर के साइकार साहकार के। ४ सामायक धाज्ञा मांहि के बाहिर भाज्ञा मांहि
५ सामायक रूपी के अरूपी अरूपो छ। ६ सामायक छांडवा जोग के आदरवा लोग श्राद- .
रवा नांग छै। ७ सामायक पुन्यके पाप दोने नहौं, किणन्याय पुन्य पाप अजीव छै, सामायक नीव छै ।
॥ लड़ी २३ तेवीसमी ॥ १ सावद्य जीव के अजीव नौव छै। . २ सावद्य सावद्य के के निश्वद्य सावध है। ३ सावा आज्ञा मांहि के बाहिर बाहिर है। ४ सावा चोर के साइकार चोर छ । ५ सावद्य रूपी के मरूपी अरूमौ है।