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( ११६ ) २ अजीव ते जीव छै के अजीव छैअजीव छै अनौव __ को जीव किया हो कालमें हुवे नहीं। . ३ पुन्य जीव छै से अजीव छै; अजीव छै ते किणा. न्याय पुन्यते शुभकर्म शुभ कर्मते पुद्गल छै पुद्गल
ते अजीव छै। ४ .पाप जीव छै के अजीव छै; अजीव छै किणन्याय __पाप ते अशुभ कर्म पुद्गल छै पुद्गल ते अजीव है। ५ पासव जीव छै के अजीब छै नीव छै; ते कियान्याय शुभ अशुभ कर्म ग्रह ते आस्रव छै कर्स
ग्रहे ते जीव हौ छै। .. ६ संबर :जीवक. अजीव, जीव छै ते किणन्याय कर्म
रोके ते जीव हौ छै। .. . . . . ७ निजरा जौवक , अजीव, जीव है किणन्याय कर्म
ताड़ ते जीव छै। ,... ८ बंध जीवके अजीव छ, अजीव छै ते किणन्याय __ शुभ अशुभ कर्मको बध अजीव छै। ६ मोक्ष जीवके अजीव, जीव है, किणन्याय समस्त
कर्म मूकावे ते मोक्ष नौव छ। ॥ लडी पांचवीं. जोव चोरके साहूकार ॥ . १ जीव चोरके साहूकार, दोन छै किणन्याय चोखा
परिणामां साहकार छै मांठा परिणामां चोर है।