________________
६७६
中华护传承家华社社等媒荞华媒
किया गया । इन्दौर में आपकी ओर से एक जैन कन्या पाठशाला चल :
तथा मन्दसौर में आप लोगों की ओर से एक प्रसूति गृह बनवाया । इसी तरह के धार्मिक एवं लं कोपकारी कार्यों में आप भाग लेते रहते हैं । खजूरी बाजार इन्दौ
'जैन-गौरव-स्वतिय
*
अपनी अनोखी पैनी विलक्षण बुद्धि के कारण साधारण अवस्था से आज आप लाखों की सम्पत्ति के मालिक हैं । आपका शुभ जन्म १२-१२-१६१२ का है । समाज के प्रत्येक कार्य में आप सहायता देते हैं तथा आए हुए प्रत्येक आदमी का आप सन्मान करते हैं । समाज व राज्य में आपकी अच्छी 1. इज्जत है । होल्कर स्टेट ने आपको "मुन्त "जिम बहादुर" और म० भा० स्थानकवासी जैन सम्मेलन ने "जैनरत्न" की उपाधि से अलंकृत किया । इन्दौर संघ को स्थानक बना ने में आपने ७०००) रु. प्रदान किये | आप अच्छे उदार चेता. सज्जन हैं । तथा कई व्यापारिक संस्थाओं के सदस्य हैं ।
में "जमनालाल रामलाल किमती" के नाम से बेकिंग तथा जवाहारात का व्यापा होता है। श्री सम्पतलालजी मिलनसार उत्साही एवं कर्त्तव्य निष्ठ महानुभाव हैं।
मुंतजिम बहादुर सेठ इन्द्रलालजी जैन, इन्दौर
★ सेठ हुकमीचन्दजी पाटनी, इन्दौर
१६९११ में होल्कर कालेज से बी० ए० एल० एल० बी० किया। आप अच् कार्यकर्त्ता खिलाड़ी व अध्यवसायी हैं। आप अनेक संस्थाओं के पदाधिकारी श्र सदस्य हैं जो आपके साहित्य, समाज और क्रीड़ा प्रेम के परिचायक हैं। वर्तमा मैं आप श्री वीर सार्वजनिक वाचनालय इन्दौर और श्री दिगम्बर जैन विद्या सहायक कोष के वाइस प्रेसिडेंट हैं तथा फूड एडवाइजरी कमेटी मध्यभारत, इंडि नियरिंग कालेज कमेटी मध्यभारत के सदस्य हैं। आगरा यूनिवर्सीटी के सि टर तथा मेम्बर फेकल्टी ऑफ लॉ हैं आपकी व्यवसायिक प्रकृति टेकनिकल नाले के कारण आप वर्तमान में राजकुमार मिल्स लिमिटेड " इन्दौर के विक्रय अि कारी हैं । पता - पाटनी निवास ३८ मेनरोड़ तुकोगंज इन्द्र ★ श्री मातीलालजी सुरराणा, इन्दौर --
सन्म सन् १६१६ । रामपुरा, इन्दौर, अमृतसर तथा देवास की सामाजि