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जैन-गौरवमतियां
त्रों में विशेष भाग लेते रहे हैं। श्री सोहनलाल जैनकन्या पाठशाला अमृतसर में ४ वर्ष तक अवैतनिक मैनेजर रहकर आपने संस्था की अच्छी सेवा की। इन्दौर में भी आपने जैनग्रन्थालय तथा वाचनालय स्थापित किया है। देवास के "मण्डी व्यापारी एसोसियेशन" के चेयरमैन तथा "फुड एडवर्डजरी" के मेम्वर और भण्डारी फ्लोर मिल तथा "आईल मिल" के मैनेजर रहे हैं । इस थोडीसी आयु में ही आप एक विशेष अनुभव और लौकिक व्यवहारिकता प्राप्तकर चुके हैं।
*श्री मांगीलालजी राठौड़ नीमच सीटी:
सार्वजनिक प्रबृतियों में भाग लेने वाले सुधारक, शिक्षा प्रेमी तथा निर्भीक कार्यकर्ता के रुप में श्री मांगीलालजी स्थानीय समाज में अग्रणी
हैं । निर्धन छात्रों को बिना व्याज के आर्थिक ___ सहायता प्रदान कर उनके अध्ययन में सहायता देते रहते हैं। चौरडिया कन्या गुरुकुल के श्राप
दी है। माताजी की स्मृति में आपने ५-६ हजार का भवन स्थानीय वाचनालय को भेंट कर शिक्षाप्रसार प्रेम का परिचय दिया । पर्दा प्रथा के आप बहुत विरोधी है।
अपके यहां जमींदारी लेन देन का काम होता है तथा.आप कोऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर हैं। नीमच के आप प्रमुख कार्यकर्ता हैं। *श्री सेठ ओंकारलालजी मिश्रीलालजी बाफणा-मन्दसौर
श्री ओंकारलालजी एक प्रतिष्ठित धर्मनिष्ठ तथा उदार श्रावक हो गए हैं आप. ने २० हजार का टून्ट बनाया और मृत्यु के समय भी २० हजार और निकाले। राज्य में भी आपका काफी सन्मान था। आपके सुपुत्र श्री मिश्रीलालजी श्राप ही के पद चिन्हों पर चलने वाले सज्जन हैं। सामाजिक तथा धार्मिक क्षेत्र में अच्छा सन्मान है। अपनी कुशल व्यापारिकता से आपने "वाफना कोटन एण्ड जीनिः . फेक्टरी" तथा मन्दसौर इलेक्ट्रि सप्लाई कर लि" की स्थापना की एवं आप ही के, डायरेक्टरत्व में दोनों कम्पनियों सुचारु रुपसे चल रही हैं इसके अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट :
के डायरेटरकर भी आप ही हैं । गुरुकुल व्यावर के प्रधान मन्त्रीत्व का कार्य.. आपने बड़ी ही सुचारु रूप से संभाला । स्थानीय नगर पालिका के वाइस । चेयर मैन पद पर रह कर आपने जनता..की आदर्श सेवा की।
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