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जैन-गौरव-स्मृतियाँ
इ. जाति पांति का विचार न करके स्थानीय व बाहिर से आये हुए सब रोगियों की निःशुल तथा बिना फीस के चिकित्सा होती है। वैद्यराजजों के स्थानीय रोगी के घर पर जाकर देखने पर भी कोई तरह की फीस नहीं।
औषधालय में होमियोपैथिक, आयुर्वेदिक, ऐलोपैथिक तीनों प्रकार की . औषधियों का संग्रह है, किन्तु ज्यादा व्यवहार होमियोपैथिक दवाइयों का ही किया जाता है। चेचक, हैजा आदि भयंकर बीमारियों के इलाज के लिये भी अच्छा प्रबन्ध है। पुस्तकालय के साथ वाचनालय भी है । सेवा विभाग में स्वयं सेवकों का अच्छा गठन है जो सामाजिक व धार्मिक उत्सवों पर सेवा कार्य करते हैं । गर्मी में प्याऊ भी चलती है व अपढ़ भाइयों की मदद की जाती है। ......
. डेह में तालाब, नाडी खुदाने का कार्य मण्डल ने अपने हाथों में लिया, जिसमें सदस्य कड़ाके दार धूप और गमीं पड़ते हुए भी कई महिनों तक अपने काम पर डटे रहे । संस्था के सभापति श्री पारसमलजी खिंवसरा तथा मंत्री श्री डूगर मल जी सबलावत 'डूगरेश हैं। . . . ... .......... : . ★ श्री लक्ष्मणदासजी बोथरा वकील, वाढमेर । ..
उम्र ५४ वर्प । पिता-सेठ सागरमलजी बोथरा । मूल निवास स्थान बीकानेर । बीकानेर के इतिहास प्रसिद्ध दीवान श्री कर्मचन्दजी बच्छावत के वंशज है । १८६० में जब फौज आई तब आपके पूर्वज देदाजी ने उसको फतह की। ..
आप मारवाड़ के एक माने हुए वकील एवं कार्यकत्ता है। सामाजिक कार्यों में विशेष रुचि रखते हैं। आपका | साहित्य प्रेम प्रशंसनीय है । धार्मिक कार्यों में भी अच्छा अनुराग है । श्री जैन श्वे० श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ जी कारखाना मे नगर के सभापति हैं। मारवाड़. लेजिस- :: लेटिव असेम्बली के सदस्य रह चुके हैं। आपके सुपुत्र श्री आसूलालजी भी एक होनहार युवक हैं। बाढ़मेर न्यूनिसिपल बोर्ड के सदस्य है । सार्वजनिक वाचना.. लय के सभापति भी रहे हैं। आपके धनसम्बदास व सोहनलाल नामक दो पुत्र हैं । 'आफूलाल धनसुखदास' के नाम लेकरांची में आपकी फर्म थी पर अब पाड़मेर में ही इस नाम से व्यवसाय होता है। . . . . . . . . .
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