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जैन-गौरव स्मृतियाँ
★ डाक्टर कुशलसिंहजी चौधरी, शाहपुरा
प्रसिद्ध चौधरी खानदान में श्री सगतसिंह के पुत्र श्री कुशलसिंहजी का जन्म सं. १६५६ पौष शुक्ला ३ को हुआ। इण्टरमीजिएट पास करके इन्दौर से १६२६ में एल. एम. श्री. पास की १६३० में कलकत्ते से एल. टी. एम. उत्तीर्ण कर शाहपुरा स्टेट के मैं डेकल ऑफिसर नियुक्त हुए । सन १६३२ में चीफ मैडिकल फिसर बने । आपकी सेवाओं से राज परिवार एवं जनता बड़ी प्रसन्न है ।
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१६४२ में खारी मानसा नदियों की प्रलयंकारी बाढ़ में आपने आदर्शजन सेवा की। शाहपुरा श्रोसवाल नवयुवक मण्डल के मन्त्री एवं सभापति आदि पदों पर रहकर आदर्श समाज सेवा की । शरणार्थी सहायक समिति "एवं महिला सेवासदन" शाहपुरा के अध्यक्ष हैं। रेडक्रास सोसाईटी, खारी तट सर्वोदय संघ यदि जनहित कार्यों में पूर्ण सहानुभूति से रचनात्मक रूप से भाग लिया है।
आपके पुत्र श्री भूपेन्द्र सिंहजी बी. एस. सी. फाईनल में अध्ययन कर रहे आपका परिवार श्वेताम्बर जैनधर्मानुयायी है I श्रीमनोहरसिंहजी - डाँगी, शाहपुरा ( राजस्थान)
सेठ श्री मदनसिंहजी के सुपुत्र श्री मनोहर सिंहजी डाँगी का जन्म संवत् १६५६ में हुआ । मैट्रिक तक अध्यन करने के बाद दरबार हाई स्कूल में सहायक: अध्यापक नियुक्त हुए | आप सफल लेखक हैं। आपकी प्रमुख रचनायें - १ - बच्छावतों का उत्थान और पतन २ शाहपुरा राज्य का इतिहास एवं भूगोल आदि है । शाहपुरा "ओसवाल नवयुवक मंडल" के आप प्रमुख विधायकों में से हैं । इस प्रकार से शिक्षा एवं जातीय क्षेत्र में आपने समय २ पर आदर्श सेवायें की हैं. आपके जेष्ठ पुत्र ज्ञानेन्द्रसिंहजी डाँगी बम्बई में इण्डियन स्मेल्टिंग एण्ड रिफाइ निंग कम्पनी के कैशियर पद पर कार्य कर रहे हैं। छोटे सत्येन्द्र प्रसन्नसिंहजी एवं राजेन्द्रप्रसादनिहजी क्रमशः एफ. ए. एवं मैट्रिक में अध्ययन कर रहे हैं। ★ श्री वीर युवक मंडल, डेह ( मारवाड़ )
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इस करवे ( डेह ) के आस पास में ३-४ कोस की दूरी पर प्रायः १५-२० माम हैं | यहां पर कोई ऐसी जनता की सेवा करने वाली संस्था नहीं थी । गरीब जनता को अपार कष्ट होता था । यह त्रुटि खटकती थी । सेवा का उद्देश्य लेकर इस संस्था की स्वापना वि० सं० २००१ मिती चैत्र शुक्ला १३ महावीर जयन्ती को की गई। वर्तमान में इस संस्था के १०६ सदस्य और एक संरक्षक सदस्य श्रीमान हरक चन्दजी सेठी है । सभी अपनी शक्ति अनुसार इस संस्था को बढ़ाने की चेष्टा कर रहे है इस संस्था के अर्न्तगत तीन विभाग है - १. धर्मार्थ औषधालय, २. पुस्तः कालय, ३: सेवा विभाग |