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जैन-गौरव स्मृतियों
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*सेठ रतनलालजी छुट्टनलालजी फोफलिया, जयपुर
सेठ रतनलालजी के पौत्र छुट्टनलालजी सफल व्यवसायी एव कुशल कार्य कर्ता हैं । धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में पूर्ण उत्साह से भाग लेते रहते हैं । आप के पुत्र श्री जतनमलजी भी व्यापारिक कार्यों में पूरा हाथ बटाते रहते हैं। उत्साही एवं मिलनसार नवयुवक हैं। इनके अतिरिक्त श्री कानमलजी, मानमलजी, पारस · मलजी, सुमेरमलजी तथा उम्मेदमलजी नामक पांच पुत्र और हैं । आप सभी मिलनसार एवं सद्गुणी नवयुवक हैं।
जवाहिरात के व्यवसाय के अतिरिक्त जयपुर राज्य में आपकी अभ्रक की खाने भी हैं। पता-गोपालजी का रास्ता-जयपर ★श्री ताराचंदजी बख्शी एम० एस०सी० एल० एल० वी, जयपुर
सम्पन्न बख्शि परिवार में-सन् १९२१ में दीपावली के शुभ मुहूर्त में जन्म हुआ। आपके पुज्य पिताजी श्री केशरलालजी वख्शी जयपुर के प्रतिष्टित व्यक्तियों में से गिने जाते हैं। .
२२ वर्ष की छोटो अवस्था में ही अपने • एम. एस. सी. व एल. एल. वी. की परीक्ष. प्रथम श्रेणी में पास की। सन् ४५ में आप नगर पालिका के सदस्य चुने गए । इसी समय आपने ज्यूडिशियल परीक्षा पास की जिसमें सर्व प्रथम रहे । फलस्वरूप आपको फार्ट क्लास मजिष्ट्रेट के पद पर नियुक्त करके सर्व प्रथम मालपुरा भेजा इसके बाद नीम केथाने व जयपुर निजामत में भी काय किया । अब आप जयपुर शहर में ही सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर बड़ी योग्यता से कार्य कर रहे है।
आप "महावीर लव" महावीर पुस्तकालय" बालमन्दिर व "व्यायाम शाला" - स्वास्थ संदेश" मासिक पत्र नगर सेवादल ..... श्री ताराचंदजी बख्शी - सर्वोदय पस्तकालय व वाचनालय' राजा स्वराज्य सुधार समिति, राज प्राकृतिक चिकित्सालय व स्वास्थ्य मन्दिर के संस्थापक हैं । वर्तमान में आप अ०भा० प्राकृ०चि० संघ के सदस्य, “युवक मण्डल जयपुर" के संरक्षक "राज० प्राकृतिक चिकित्सा संघ एवं स्वास्थ्य सुधार समिति के मंत्री हैं। ७ नवम्बर १९५० को आपने अपने
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