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जैन-गौरव-स्मृतियों
प्रजामंडल १६४५-४८, संयोजक पार्लियामेंटरी बोर्ड १६४५-४७, सदस्य कार्यकारिणी तथा मंत्री अखिल भारत देशी राज्य परिपद् की जनरल कौंसिल तथा ( राज)* प्रांतीयससा, वर्तमान प्रधान मंत्री राजपूताना प्रांतीय कांग्रेस कमेटी तथा संयुक्त मंत्री स्वागत समिति ५५ वां काग्रेस अधिवेशन, जयपुर, गांधीवादी विचारधारा का अध्ययन तथा साहित्यक लेखन की अभिरुचियां ।-पता-चौड़ा रारता, जयपुर । *श्री सेठ केशरीमलजी घीसालालजी काठारी. जयपुर ... .
दानवार एवं कुशल व्यवसायी श्री सेठ केशरीमलजी आदर्श श्रावक है। पूज्य श्री १००८ श्री हन्तीमलजी महाराज सा० के धमपिदेशां का आप पर बहुत असर
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भी बील लजी कंवारी जयपुर
नानाजी काही अन्नपुर पड़ा। मुनीबरों की एवं नमाज सेवा के कार्यों में प्रमुग्यता में भाग लेकर अपने जीवन को सफल बना श्राप ६७ वर्ग के युद्ध मनन है। व्यापक पुत्र श्री घीलालालजी भी आपाही के अनुप शादर्शनःजन भीमराजजी नवरतनमलजी,
लालचन्दजी और सुन्दरलालजी नामक चार पुत्र है। जो अध्ययन कर रहे है। ___ श्री घीसालालजी मेधावी और प्रत्युतपन्नमति है । अपकी अनोची कार्यशैली ल्यापारिक कार्यों में बड़ी उन्नति हुई।
. नाहरगढ़ रोड़ पर " केशरीमलजी चौसालालजी कोठारी" नाम -जवाहरात का व्यवसाय होता है। फर्म की शाखा रंगन, मद्रास और त्रिचना .. पल्ली में भी है।