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जैन-गौरव-स्मृतियों
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सार्वजनिक संस्थाओं में खुले हाथों से दान देते हैं । अब तक करीव १ लाख रुष्का दान कर चुके होंगे। मोंटेसरी स्कूल जयपुर के लिए आपने एक भवन प्रदान किया है। आपने तथा आपके साझीदार भाई सेठ खलशंकरजी मिलकर जयपुर में एक मुफ्त जञ्चाखाने भी चला रहे हैं। . . . . . . . . . . . . . . :: . मेसर्स कांतिलाल छगनलाल जौहरी-जयपुर . . . . . . . . . . .
सेठ छगनलालभाई वड़े सज्जन शिक्षित और धर्मिष्ठ पुरुष हैं । स्थानकवासी कॉन्फन्स मैं आप हमेशा भाग लेते रहते हैं ।
"बचों की शिक्षा के लिये "श्रीमती काशी बाई छगनलाल गुजराती स्कूल खोला... जिसका उद्घाटन १६४६ में स्व० सरदार बल्लभ भाई पटेल ने किया था। स्कूल का प्रबन्ध अत्युत्तम है और ५० विद्यार्थी : निःशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं । " .- कान्तिलाल भाई और कुसुमचंद्र भाई.. नामक दो पत्र है। जो कि व्यापारिक कार्यो । में आपको सहयोग देते हैं । श्री कुसमभाई
। व्यवसायिक कार्य के लिये यूरोप का भ्रमण
की कर चुके हैं। दोनों बन्धु, मिलन सार, उत्साही और आदर्श युवक है । फर्म पर हीरा, पन्ना, माणिक, मोती के खुले और . चन्द जडाऊ. जेवरों एवं कमीशन एजेन्ट . . सेट छगनलाल शाह, जयपुर का काम होता है।
श्री सिद्धराजाजी ढढदा जयपुर , : भूतपूर्व उद्योग मंत्री बृहद् राजस्थान संघ राज्य । जन्म १६०६ । श्री गुलाब
चंद उडदा एम० ए० के पुत्रः। १६२८, यम ए० एल० एल० बी० (प्रयागः)। वकालात बंगलौर, जयपुर । सहायक मंत्री तथा मंत्री इंडियन चेम्बर आफ कामर्स कलकत्ता १६३३-४२, मंत्री इंडियन शुगर मिल्स असेसियेशन, इंडियन केमिकल
मेन्फेक्यूचरर्स असोसियेशन, इन्शुरेन्स कम्पनीज असोसियेशन । पदाधिकारी तथा - कार्यकारिणी के सदस्य ओसवाल महासम्मेलन, मारवाड़ी सम्मेलन, तरुण जैन संघ, हरिजन उत्थान समिति, बंगाल हरिजन बोर्ड, अगम्त अन्दोलन जेल में नाम नजरबंद. १६४७-४५, मैंनजिंग डाइरेक्टर युगान्तरः प्रकाशन मंदिर लि. जयपुर, संस्थापक लोकवाणी दैनिक १६४६, सदस्य कार्य कारिणी जयपुर राज्य