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जैन-गौरव-स्मृतिय
प्रयास से अ०भा० प्राकृतिक चिकित्सा सम्नेलन बुलाया जिसका उद्घाटन राजर्पि टण्डनजी ने किया जिसके आप स्वागत मंत्री थे । आप बहुत कार्यशील सेवाभावी व उत्साही कार्य कर्ता हैं । "स्वास्थ्य" तथा "शिक्षा" विपयों से विशेष प्रेम है। आप प्राकृतिक चिकित्सा के डाक्टर हैं । तथा अच्छे वक्ता और लेखक भी हैं। आपके नरेन्द्रकुमार और सुरेन्द्रकुमार नामक दो होनहार पुत्र हैं।
पता-बख्शी भवन नई वस्ती जयपुर । *पं० चैनसुखदासजी जैन न्याय तीर्थ जयपुर
निवास भादवा (जयपुर)। जैन दर्शन, जैन सिद्धान्त तथा अन्य साहित्य का विशेष अध्ययन । संस्कृत ग्रन्य, भावना विवेक, पावन प्रवाह, भूतपूर्व संपादक जैन विजय, जैन दर्शन, जैन बंधु, वर्तमान प्रधान संपादक-वीरवाणी । प्रिसिंपल दि० जैन संस्कृत कालेज । आपने हालही में जैन दर्शन के संबंध में एक उत्तम ग्रन्थ की रचना की है जो बी. ए. के कोर्स में पढ़ाई जाती है ।-पता-मनिहारों का रास्ता जयपुर। ★सेठ गणपतरायजी सेठी, लाडनू (मारवाड़)
कलकत्ते में जूट के प्रमुख व्यापारी हैं राजस्थान इण्डस्ट्रीज लिमिटेड लाडनू के डाईरेक्टर हैं। लाइन "होस्पिटल" का . . . 'भवन' आपने ही बनावाया है लाडन में आपने एक हनुमानजी का मन्दिर बन वाया एवं स्थानीय आर्य समाज भवन का निर्माण कर आपने उदार सर्व धर्म प्रियता का प्रमाण दिया। श्री रामानन्द गौ शाला को आर्थिक सहायता देने में आप का प्रमुख हाथ रहता है । स्टेशन के सामने आपने अपनी ओर से प्याऊ भी स्थापित कर रखी है। आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री हीरालालजी मठः २२ वर्ष के हैं, एवं लघु पुत्र श्री पत्रालालजी सेठी वर्ष है। आप दोनों वन्धु उत्साही लगन शील एवं कुशल कार्यकत्ता युवक है। ★सेंट जयचंदलालजी सुराणा, छापर
श्यापका जय मं ।।५८ कार्तिक शुक्ला का है। इस समय सपट प्रा' (प्रामाम ) में "गंगगम कोडामल के नाम से तथा फलफत्ता में राज. ..
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