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________________ जैन-गौरव-स्मृतिय शक्ति और साधनों युक्त प्रयत्न करने की आवश्यकता है। जैन समाज इस ओ ध्यान दे, यह आवश्यक है। यह ग्रन्थ इस दिशा में एक निवेदन माना जाय । , ग्रन्थ प्रकाशन में जिन २ सज्जनों ने 'माननीय सहायक' के रूप में आर्थिय सहायता प्रदान की है उनके हम उपकृत हैं । कोदिश धन्यवाद । अजमेर १५-५-५१ ___मानमल जैन __. शीघ्र मंगाइये भगवान् महावीर स्वामी की सम्पूर्ण जीवनी का स्वाध्याय कराने वाला - अनुपम सतरंगा चित्र . .- - . ."ad .. G .. . इस चित्र में भगवान् के जीवन की घटनाओं को मानोहारी चित्र में चित्रित किया गया है । चित्र १५४२० इञ्च साईज में सातरंग में छपा हैं। मूल्य १) रु० मात्र पोस्ट खर्च ।-)। दुकानदार व ज्यादा खरीदने वालों को २५. से . ३३ प्रतिशत तक कमीशन। -जैन साहित्य मन्दिर, कड़क्का चौक. अजमेर ।
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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