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________________ ग्रन्थ के माननीय सहायक CHAN FONT . ... * से है। "बर्मा ऑयल कम्पनी के प्रमुख एजेण्ट के रूप में समस्त आसाम में फर्म के डिपू स्थापित है ।। ★ श्री जवाहरलालजी दफ्तरी, बनारस अापका मूल निवास स्थान पीपाड़ (मारवाड़) है । आपका जन्म अपनेननिहाल रताला स्टेट पंजाब प्रान्त) वि० सं० १९७० में दिवाली के दिन हुवा । आपके पिताजी का देहान्त तो आपकी २ वर्ष की अवस्था में ही हो चुका था। घर का माग बोझ पाप ही के सिर था । .... . फिर भी आपने अपनी १५ वर्ष जिननी छोर्टी उम्र में हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती का अच्छा ज्ञान हासिल कर .... लिया । उर्द्ध एवं शोर्ट हेन्ड भी सिखी। . . आप शुभ से ही साहित्य प्रेमी हैं। अापको पुस्तकों के पठन पाठन का बहुत शौक है, आपने बहुत सी पुस्तकें संग्रह भी की हैं और ५-६ पुस्तके लिखी भी है । राष्ट्रीय एवं सामाजिक पत्र पत्रिकाओं में अक्सर आपके लेख प्रकाशित होते रहते हैं । सम्मेलन सभा सोसाइटियों से भी श्राप को प्रेम है ! श्री जैननवयुवक मंडल पीपाड़ के गत १५ वर्षों से सभापति हैं। आपके सभापतित्व में मंडल ने काफी उन्नति की। पीपाड के युवकों में जगति करने का एवं पंचायत में बहुत सी कुरीनियाँ उठवाने का श्रेय यापही को है। पीपाड की "श्री कुमर बाई मलगट जैनकन्यापाटशाला" के श्राप सेक्रेटरी में आपकी देखरेख में कन्या पाल्याला अन्धी चल रही है। 1 . आप सन १६४३ में श्री श्राखिल भारतवर्षीय पोसवाल महासम्मेलन के सहायक मंत्री चुने गये । गा १६ वर्ष से पूर्ण खटाधारी है । देश सेवा के + काम में भी काफी लगन है ! दापाड में श्री योमबाल बड़ी न्यात के नोहरे में प्रापने पृज्य दादा माहव बनाय कानमलजी केमरा 120) रु. की लागत का एक भवन । बनवा कर अपंगा किया।
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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